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चुनाव की ओर जम्मू-कश्मीर, सरकार भले नहीं बनी, लेकिन करीब आए उमर और महबूबा

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जम्मू-कश्मीर में बुधवार को विधानसभा भंग होने के बाद राज्य की राजनीति में अनोखा नजारा देखने को मिला. राज्य में एक-दूसरे के विरोधी नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ट्विटर पर एक दूसरे के सुर में सुर मिलाते नजर आए.

विधानसभा भंग होने के बाद राज्य की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने एक के बाद एक चार ट्वीट किए. उन्होंने राज्यपाल सत्यपाल मलिक के विधानसभा भंग करने को जल्दबाजी भरा फैसला बताया.

इसके बाद उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘एक राजनेता के तौर पर मुझे लगता था कि मैंने अपने 26 साल के करियर में सब कुछ देख लिया है. लेकिन जैसा कि कहा जाता है कि कभी भी ‘नेवर’ नहीं कहना चाहिए. इसके बावजूद मैं दिल से उमर अब्दुल्ला और अंबिका सोनी जी को शुक्रिया कहना चाहूंगी कि उन्होंने हमें असंभव लग रही चीज को हासिल करने में मदद की.’

महबूबा का इशारा राज्य में सरकार बनाने के लिए सहमति बनने की ओर था. बता दें कि कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ ही पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. हालांकि, विधानसभा भंग होने के बाद इसकी संभावना खत्म हो गई. उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा, ‘पिछले पांच महीनों से, राजनीतिक सहयोग की परवाह किए बिना हम इस बात पर राजी थे कि राज्य विधानसभा को तुरंत भंग किया जाना चाहिए ताकि खरीद फरोख्त और दलबदल पर रोक लगाई जा सके.’