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UP में कितना है मोदी इफेक्ट? 6000 वर्कर्स के जरिए कैम्पेन चलाएगी RSS
UP में कितना है मोदी इफेक्ट? 6000 वर्कर्स के जरिए कैम्पेन चलाएगी RSS
लखनऊ (यूपी). एबीवीपी के करीब 6 हजार वर्कर्स 1 जून से यूपी के गांवों में कैम्प लगाएंगे। इस दौरान वे लोकल मुद्दों पर वहां के लोगों से बातचीत करेंगे। यूपी में विधानसभा चुनाव होने में करीब 1 साल का समय बचा है। ऐसे में आरएसएस का यह स्टूडेंट विंग ‘सामाजिक अनुभूति’ नाम से गांवों में 15 दिन का कैम्पेन कम सर्वे करेगा। इस दौरान वह लोगों से मोदी गवर्नमेंट में लॉन्च की गई स्कीम्स पर फीडबैक लेगा। कम्युनल वॉयलेंस-रिलिजस कन्वर्शन पर भी होगी बात…
– जानकारी के मुताबिक, वेस्ट यूपी में एबीवीपी वर्कर्स लोगों से कम्युनल वॉयलेंस आैर रिलिजस कन्वर्शन के कारणों को भी जानेंगे।
– इसके अलावा दलितों के खिलाफ होने वाले क्राइम और उनके सोशल बायकॉट के बारे में भी जानने की कोशिश की जाएगी।
– वर्कर्स डोर-टू-डोर जाएंगे और लोगों से इन्फॉर्मेशन कलेक्ट करके 31 प्वाॅइंट का प्रोफॉर्मा भरेंगे।
– इसमें पूछा जाएगा कि लोगों को मोदी सरकार की वेलफेयर स्कीम्स का फायदा मिल रहा है या नहीं।
– साथ ही दलितों और महिलाओं के खिलाफ हो रहे क्राइम, एजुकेशन और मेडिकल फैसिलिटीज की अवेलबिलिटी, बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर बारे में भी लोगों से जानकारी ली जाएगी।
– वर्कर्स गांववालों से लड़कियों को पढ़ाने की जरूरत और कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने पर भी बात करेंगे।
मिशनरीज की एक्टिविटीज पर रखी जाएगी नजर
– एबीवीपी राज्य संगठन के जनरल सेक्रेटरी धर्मपाल सिंह ने बताया कि वेस्ट और ईस्ट यूपी में वर्कर्स मिशनरीज की एक्टिविटी पर भी नजर रखेंगे, जिन पर हिंदुओं को कन्वर्ट कराने का आरोप है।
– कुछ जगहों को आईडेंटिफाई भी किया जाएगा, जहां दलितों पर होने वाले अत्याचार और उनका सोशल बॉयकाट काफी ज्यादा है।
– इसके अलावा बुंदेलखंड में पानी की कमी की दिक्कत, बिजली की दिक्कत और अनइम्प्लॉइमेंट के बारे में भी बातचीत की जाएगी।
– इन गांवों की प्रॉब्लम्स को एबीवीपी कई प्लेटफॉर्म्स पर उठाएगा। इसके लिए वह बाहर से दूसरे स्टूडेंट्स को भी कैम्पेन से जोड़ेगा।