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कश्मीर की बेटी ने पास की UPSC परीक्षा, किरन बेदी जैसा बनने का सपना

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श्रीनगर। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा संचालित सिविल सर्विस परीक्षा को सबसे मुश्किल माना जाता है। जो भी अभ्यर्थी इसे पास कर लेते हैं वह विशिष्ट ऑल इंडिया सर्विस और सेंट्रल सर्विस के योग्य हो जाता है। हर साल लाखों में से बस सौ की गिनती के अभ्यर्थी ही इस परीक्षा को पास कर पाते हैं। कई बार महीनों और कई बार सालों की मेहनत इसमें लगती है।।

लेकिन ये सबसे मुश्किल परीक्षा भी कई बार ऐसे लोगों को आगे लेकर आती है जो बहुत संघर्ष करते हैं, लहरों को चीरकर आगे बढ़ते हैं और बंधनों से लड़कर अपने सपनों को हासिल करते हैं। ऐसी ही कहानी शीमा कस्बा की है। शीमा जम्मू-कश्मीर के उन 10 कैंडिडेट्स में से हैं, जिन्होंने ये परीक्षा पास की है। दिल्ली की एक लीडिंग फर्म में वकील के तौर पर कार्यरत शीमा अपने सपनों को पूरा करने की दहलीज पर खड़ी हैं। उनका सपना एक पुलिस ऑफिसर बनने का है।

कश्मीर की बेटी ने पास की UPSC परीक्षा, किरन बेदी जैसा बनने का सपना

सिविल सर्विस रिजल्ट्स में उन्होंने 209वीं रैंक हासिल की। अगर किस्मत ने साथ दिया तो शीमा को आईपीएस में जगह मिल सकती है। बचपन से ही, वह देश की पहली महिला आईपीएस ऑफिसर किरन बेदी से प्रभावित रही हैं और बीते कई सालों से उन्होंने अपनी महत्वाकांक्षा को पोषित किया है। एक नौकरी के साथ साथ टॉप एग्जाम के लिए खुद को तैयार करना बेहद मुश्किल काम है। जब वह एग्जाम के लिए तैयारी कर रही थी, इसी वक्त वह कानून से संबंधित अपने प्रॉजेक्ट्स भी पूरे कर रही थी।

शीमा के सफर में हर कदम पर उन्हें हिम्मत देने वाले उनके पिता डॉ. जीएन कस्बा पूर्व सिटी म्युनिसिपल कमिश्नर हैं। 2014 में कश्मीर बाढ़ के दौरान उनकी कोशिशें अनुकरणीय रहीं। अब, रिजल्ट्स के बाद कस्बा के घर पर जश्न का माहौल है।

पिता ने कहा, ‘मैं अल्लाह का शुक्रगुजार हूं। वह एक मेहनती बेटी है और पढ़ाई को लेकर बेहद गंभीर है। मुझे खुशी है कि उसने अच्छा किया।’

बात जब कश्मीरी महिलाओं की कामयाबी की आती है, इनकी संख्या भले ही थोड़ी हो लेकिन जब वह चमकती हैं तो एक कीर्तिमान स्थापित करती हैं। यह कीर्तिमान घाटी के लाखों युवाओं को प्रेरणा देता है।