राजनीति
चॉपर डील: कांग्रेस का हल्ला बोल, जंतर-मंतर से संसद तक सोनिया-राहुल निकालेंगे ‘लोकतंत्र बचाओ’ रैली
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी
अगस्ता घोटाला मामले में शुक्रवार को संसद से सड़क तक रण की तैयारी है. बीजेपी के हमलों का जवाब देने के लिए कांग्रेस जंतर-मंतर से संसद भवन तक ‘लोकतंत्र बचाओ’ रैली करने वाली है. इस पैदल मार्च की अगुवाई पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी करने वाले हैं, वहीं लोकसभा में भी चॉपर डील पर हंगामे के आसार हैं.
शुक्रवार को लोकसभा में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर एक बार फिर अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कथित घोटाले पर बयान देंगे. जबकि उससे पहले इस मामले पर बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर, किरीट सोमैया, निशीकांत ठाकुर, कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और टीएमसी के सौगत रॉय के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर बहस होगी.
संसद भवन के आसपास धारा 144 लागू
रैली सुबह साढ़े नौ बजे जंतर-मंतर पर शुरू होगी, जिसके बाद सभी संसद भवन को मार्च करेंगे. हालांकि बताया यह भी जा रहा है कि सुरक्षाकर्मी मार्च को पार्लियामेंट स्ट्रीट पर ही रोक लेंगे. यही नहीं, संसद सत्र जारी रहने के कारण संसद भवन के आसपास के इलाके में धारा 144 लागू है.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी
अगस्ता रिश्वत मामले पर दाखिल जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी होनी है. याचिका में मांग की गई है कि इटली की कोर्ट के फैसले को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और अहमद पटेल जैसे नेताओं पर एफआईआर दर्ज हो.
उत्तराखंड, अरुणाचल और हिमाचल का मुद्दा भी
कांग्रेस पार्टी रैली के दौरान उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के कथित प्रयासों को लेकर भी बीजेपी पर हमला बोलने की तैयारी में है. सोनिया गांधी और राहुल गांधी के अलावा इस रैली को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी संबोधित करेंगे. उम्मीद की जा रही है कि राहुल गांधी शुक्रवार को लोकसभा में अगस्ता वेस्टलैंड मामले पर होने वाली बहस में भी शिरकत करेंगे.
सदन में आरोपों का कैटलॉग पढ़ गए पर्रिकर
इससे पहले कांग्रेस प्रवक्ता जयराम रमेश ने गुरुवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व को अगस्ता वेस्टलैंड मामले में फंसाने के लिए यह साजिश रची है. जयराम रमेश ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने जिस तरह ट्वीट करके अपने रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर के इस मामले में राज्यसभा में दिए उत्तर की सराहना की, वह न सिर्फ उनकी मानसिकता को दिखाता है बल्कि उनकी रणनीति का भी खुलासा करता है.’
रक्षा मंत्री पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि दरअसल पर्रिकर का उत्तर संसदीय इतिहास का अब तक का सबसे खराब उदाहरण है, क्योंकि उन्होंने विपक्ष द्वारा उठाए सवालों के जवाब देने की बजाए आरोपों का कैटालॉग ही पढ़ दिया.
विश्वविद्यालयों का मुद्दा भी
जयराम रमेश ने पर्रिकर पर आरोप लगाते हुए आगे कहा, ‘उन्होंने रक्षामंत्री पद की मर्यादा का ध्यान नहीं रखा और एक राजनीतिक बयान दिया.’ जयराम ने कहा कि रैली का आयोजन सरकार द्वारा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, हैदराबाद और इलाहाबाद विश्वविद्यालय समेत केंद्रीय विश्वविद्यालयों के खिलाफ बोले गए हमले के विरोध में भी किया गया है. पार्टी नेता रणदीप सुरजेवाला ने पिछले सप्ताह कहा था कि पार्टी संसद का घेराव करेगी लेकिन रमेश ने सिर्फ इतना कहा कि रैली के बाद पार्टी संसद तक मार्च निकालेगी.