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सत्याग्रही बने ‘आतंकी’… मुठभेड़ में एसपी-दरोगा शहीद, डीएम को भी लगे छर्रे

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मथुरा। मथुरा में पुलिस और उद्यान विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा जमाए बैठे लोगों के बीच हिंसक भिड़ंत हुई है। अतिक्रमण हटाने के दौरान दोनों ओर से हुई जबर्दस्त गोलीबारी में थानेदार संतोष यादव और एसपी मुकुल द्विवेदी की मौत हो गई जबकि 40 से 50 पुलिस वाले जख्मी हुए हैं। इस हिंसा में 12 कथित सत्याग्रहियों की भी मौत की खबर है। डीएम को भी छर्रे लगने की खबर है।

280 एकड़ में फैले जवाहर बाग पर एक गैर सरकारी संगठन के लोगों ने सत्याग्रह के नाम पर कब्जा जमा रखा था। हाईकोर्ट ने जवाहर बाग को खाली कराने के आदेश दिए थे। लेकिन जमीन खाली कराने गई पुलिस पर बाग में कब्जा जमाए लोगों की तरफ से भारी गोलीबारी की गई। करीब 5 घंटे तक बाग के अंदर से पुलिस पर गोलीबारी होती रही और रात करीब 10 बजे पुलिस बाग पर कब्जा कर पाई, जिसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया।

सत्याग्रही बने
अतिक्रमण हटाने के दौरान दोनों ओर से हुई जबर्दस्त गोलीबारी में थानेदार संतोष यादव और एसपी मुकुल द्विवेदी की मौत हो गई जबकि 40 से 50 पुलिस वाले जख्मी हुए हैं।

यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने एसओ संतोष यादव के शहीद होने पर शोक जताया है और परिवार को मुआवजे के तौर पर 20 लाख रुपए देने की घोषणा की है।मुख्यमंत्री ने घटनास्थल पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात करने और दोषियों को गिरफ्तार करने का निर्देश भी दिया है।

एडीजी लॉ एंड ऑर्डर दलजीत चौधरी ने बताया कि संगठन के मुखिया राममबृक्ष यादव को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने बताया कि पुलिस ने जवाहर बाग से भारी मात्रा में कारतूस, असलहा और बारूद बरामद किया है। साथ ही इस पूरी घटना की जांच कमिश्नर को सौंपी जा चुकी है।

स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह संगठन के अध्यक्ष रामबृक्ष यादव की फोटो, जिसमें उनके साथ हथियारबंद लोग दिख रहे हैं।
स्वाधीन भारत विधिक सत्याग्रह संगठन के अध्यक्ष रामबृक्ष यादव की फोटो, जिसमें उनके साथ हथियारबंद लोग दिख रहे हैं।
करीब दो साल पहले, बाबा जय गुरूदेव से अलग हुए समूह के कार्यकर्ताओं ने खुद को ‘आजाद भारत विधिक विचारक क्रांति सत्याग्रही’ घोषित किया था और धरने की आड़ में जवाहर बाग की सैकड़ों एकड़ भूमि पर कब्जा कर लिया था। उनकी मांगों में भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव रद्द करना, वर्तमान करेन्सी की जगह ‘आजाद हिंद फौज’ करेन्सी शुरू करना, एक रुपए में 60 लीटर डीजल और एक रुपए में 40 लीटर पेट्रोल की बिक्री करना शामिल है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाल ही में प्रशासन के अधिकारियों को वह जमीन खाली कराने का आदेश दिया था।