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17 सालों से फरार था माफिया सरगना, सिंगापुर में अरेस्ट के बाद लाया गया मुंबई
कुमार पिल्लई को पढ़ा-लिखा माफिया सरगना कहा जाता है।
कुमार पिल्लई को पढ़ा-लिखा माफिया सरगना कहा जाता है।
मुंबई. पिछले 17 सालों से फरार माफिया सरगना कुमार पिल्लई आखिरकार मुंबई पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। पिल्लई आर्म्स स्मगलिंग के लिए कुख्यात है। सिंगापुर में गिरफ्तारी के बाद सोमवार देर रात उसे प्रत्यर्पण के बाद मुंबई लाया गया। पिता की मौत का बदला लेने के लिए वह अपराधी बन गया था।पिल्लई के खिलाफ जारी हुआ थारेड कॉर्नर नोटिस…
– मंगलवार को मकोका अदालत में डॉन कुमार पिल्लई की पेशी हुई, जिसके बाद उसे सात जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
– पिल्लई के खिलाफ वर्ष 2012 में गैरजमानती वारंट और रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था।
– सिंगापुर पुलिस को पता चला कि पिल्लई की पत्नी और बेटी सिंगापुर में रहते हैं और वे उनसे मिलने के लिए अक्सर आता रहता है।
– इसके बाद सिंगापुर पुलिस ने जाल बिछाया और इसी साल जनवरी महीने में उसे गिरफ्तार कर लिया।
– प्रत्यार्पण के लिए सिंगापुर गई क्राइम बांच के पांच पुलिसकर्मियों की टीम उसे लेकर सोमवार रात 10 बजे के करीब मुंबई पहुंची।
इस मामले में हुआ गिरफ्तार…
– क्राइम ब्रांच ने पिल्लई को 2009 में विक्रोली इलाके में हुई फायरिंग के मामले में गिरफ्तार किया है।
– आरोप है कि पिल्लई ने एक बिल्डर से 50 लाख रुपए हफ्ता मांगा था और पैसे न मिलने पर अपने गुर्गों से उस पर गोलियां चलवा दी थीं।
– हालांकि हमले में बिल्डर बच गया था। मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनमें से तीन आरोपियों को वर्ष 2015 में मकोका कानून के तहत सजा सुनाई गई थी।
– इसके अलावा भी पिल्लई के खिलाफ गोलीबारी और हफ्तावसूली के कई मामले दर्ज हैं।
इंजीनियरिंग छोड़कर बना माफिया, दाऊद से लेना चाहता था बदला
– दरअसल, कुमार पिल्लई पेशे से इंजीनियर था और साधारण जीवन जीता था।
– उसके पिता कृष्णा पिल्लई मुंबई के भांडुप इलाके में स्मगलिंग का धंधा करते थे।
– एक दिन दाऊद के शूटर सुहास मकड़ावाला ने उसके पिता की गोली मारकर हत्या कर दी।
– इसके बाद उसने पिता की हत्या का बदला लेने की ठानी।
– इस बीच उसकी पहचान अश्विन नाईक से हुई, जो इंजीनियरिंग स्टूडेंट था।
– दोनों ने इंजीनियरिंग छोड़कर अमर नाईक की गैंग में काम करना शुरू कर दिया।
– पढ़े-लिखे होने का फायदा पिल्लई को अंडरवर्ल्ड में मिला और उसने अपने पैर जमाने शुरू कर दिए।
आर्म्स स्मगलिंग में महारत
– समय के साथ अंडरवर्ल्ड में पिल्लई का दबदबा बढ़ने लगा उसने साउथ इंडिया में भी पैर पसारे।
– उसे आर्म्स स्मगलिंग में महारत हासिल हो गई साथ में उसने ड्रग्स का भी धंधा शुरू कर दिया।
– नब्बे के दशक में अमर और अश्विन नाईक को अरेस्ट किया गया, लेकिन जब बारी पिल्लई की आई तो वो इंडिया छोड़ कर भाग गया।
– साउथ ईस्ट देशों में उसने अपनी पैठ जमा ली और खुद की नई गैंग खड़ी कर ली।
– मुंबई के विखरोली, भांडुप और कंजमार्ग में रियल इस्टेट का कारोबार बढ़ने के बाद उसने बिल्डर से वसूली करना शुरू कर दी।
– उस पर कई बिल्डर्स को धमकाने और पैसे वसूलने के आरोप लगे हैं।