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आतंकी बुरहान वानी के बहाने उमर खालिद ने फिर उगला जहर, बुरहान को बताया क्रांतिकारी

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आतंकी बुरहान वानी के बहाने उमर खालिद ने फिर उगला जहर, बुरहान को बताया क्रांतिकारी
बुरहान वानी पर देशद्रोह के आरोपी और जेएनयू के छात्र उमर खालिद ने बयान दिया है. उमर ने बुरहान की हिमायत करते हुए उसे वामपंथी क्रांतिकारी चे ग्वेरा से जोड़ दिया है.

जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया का साथी खालिद इन दिनों जमानत पर है. एबीपी न्यूज ने उमर खालिद से संपर्क किया लेकिन उन्होंने बयान पर कुछ बोलने से इनकार कर दिया.

फेसबुक पोस्ट के जरिए खालिद ने उगला जहर, बुरहान को चे ग्वेरा से जोड़ा

देशद्रोह के आरोपी और जेएनयू के छात्र उमर खालिद ने अपने फेसबुक पेज पर इस पोस्ट के साथ बुरहान वानी को शहीद साबित करने की कोशिश की है. उमर ने फेसबुक पर लिखा कि, ”चे ग्वेरा ने कहा था कि अगर मैं मारा भी जाऊं तो मुझे तब तक फर्क नहीं पड़ता जब तक कोई और मेरी बंदूक उठाकर गोलियां चलाता रहेगा. शायद यही शब्द बुरहान वानी के भी रहे होंगे. बुरहान मौत से नहीं डरता था, वो ऐसी जिंदगी से डरता था जो बंदिश में जी जाए. उसने इसका विरोध किया. वो आज़ाद जिया और आज़ाद मरा. कश्मीर पर कब्ज़े का खात्मा हो. भारत, तुम उन लोगों को कैसे हराओगे जिन्होंने अपने डर को हरा दिया है. हमेशा ताकतवर रहो बुरहान. कश्मीर के लोगों के साथ पूरी सहानुभूति. #FreeKashmir ”

मार्क्सवादी क्रांतिकारी थे चे ग्वेरा, क्यूबा की क्रांति में चे की थी मुख्य भूमिका

आपको बता दें कि उमर ने जिस अर्नेस्तो चे ग्वेरा का जिक्र किया है वो अर्जेन्टीना के मार्क्सवादी क्रांतिकारी थे और क्यूबा की क्रांति में मुख्य भूमिका निभाई थी. इनकी मृत्यु के बाद से इनका चेहरा दुनियाभर में सांस्कृतिक विरोध एवं वामपंथी गतिविधियों का प्रतीक बन गया.

साल 1959 में चे ग्वेरा क्यूबा की फिदेल कास्त्रो सरकार के मंत्री के तौर पर भारत भी आए थे और लौटकर तत्कालीन पीएम जवाहर लाल नेहरू की तारीफ की थी.

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देशद्रोह के नारे लगाने का आरोपी है खालिद

आपको बता दें कि जेएनयू का छात्र उमर खालिद देशद्रोह का आरोपी है. उस पर 9 फरवरी की रात कैंपस में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी मनाने के साथ ही उसके समर्थन और देश के विरोध में नारे लगाने के आरोप हैं.

कन्हैया और अनिर्बान का साथी है उमर खालिद

इसी मामले में छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अनिर्बान समेत 21 छात्रों के नाम जुड़े थे. कन्हैया को गिरफ्तार किया गया था लेकिन कई दिन फरार रहने के बाद उमर और अनिर्बान ने अचानक सरेंडर कर दिया था. बाद में तीनों को जमानत पर पर छोड़ा गया था और केस चल रहा है.