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देश की मुख्यधारा से जुड़ने को तैयार जम्मू कश्मीर के छात्र, सामने आया ये सच…

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श्रीनगर। कश्मीर घाटी में युवाओं की पत्थरबाजी की घटना भले ही राज्य और केन्द्र सरकार के लिए चिंता का विषय बनी हुई हो लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो स्थिति ठीक इसके पलट है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय के मुताबिक राज्य के लिए जो विशेष छात्रवृत्ति योजना शुरू की गई है उसके तहत उच्च शिक्षा के लिए जम्मू कश्मीर से बाहर निकलने के लिए युवा छात्रों में खासा उत्साह दिखा है।

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की मानें तो इस साल अब तक 75 करोड़ रुपए की छात्रवृत्ति दी जा चुकी है। स्कॉलरशिप की इस विशेष योजना के तहत 1.25 लाख रुपए छात्रों को ट्यूशन फीस के लिए और 1 लाख रुपए हॉस्टल और खान-पान के लिए आवंटित किए जाते हैं। हालांकि जनरल कोर्सेस के लिए ट्यूशन फीस 30000 और एक लाख रुपए हॉस्टल और खान पान के लिए दिए जाते हैं। ये योजना सिर्फ उन छात्रों के लिए है जिन्होंने 12वीं जम्मू कश्मीर से पास की हो और उनके परिवार की आय 6 लाख रुपए सालाना तक होनी चाहिए। इस योजना की खास बात ये कि पूरे पैसे सीधे कॉलेज के खाते में जाते हैं और कॉलेज मैनेजमेंट ट्यूशन फीस जमा करने का दबाव नहीं डाल सकता।

देश की मुख्यधारा से जुड़ने को तैयार जम्मू कश्मीर के छात्र, सामने आया ये सच…

केन्द्र सरकार ने इस साल मेडिकल, इंजिनियरिंग के साथ साथ जनरल कोर्सेस के लिए भी जम्मू कश्मीर के छात्रों को कोटा बढ़ा दिया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि राज्य के कुल 3584 छात्रों को स्कॉलरशिप प्रदान की है जिसमें 1329 कश्मीर घाटी से, 26 लद्दाख और 2255 जम्मू इलाके से हैं। पीएम मोदी की पहल के बाद इस योजना में और पारदर्शिता आई है जिसका नतीजा इस बार देखने को मिला है। अब छात्र सीधे http://aicte-jk-scholarship.in/ पर जाकर न सिर्फ अपना आवेदन कर सकते हैं बल्कि उसका स्टेटस भी देख सकते हैं।

जाहिर है जम्मू कश्मीर के छात्र देश की मुख्य धारा से जुडना चाहते हैं। सीविल सर्विसेस में सफल हुए जम्मू कश्मीर के छात्रों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। और जम्मू-कश्मीर से बाहर निकलने को तैयार इन छात्रों को देखकर तो यही लगता है कि अशांत जम्मू कश्मीर अब वहां के युवाओं को भी नहीं भा रहा है।