खेल
बारिश नहीं वेस्टइंडीज की इस ‘साजिश’ की वजह से T20 सीरीज हारी टीम इंडिया
भारत-वेस्टइंडीज के बीच फ्लोरिडा में हुआ दूसरा टी-20 मैच बारिश की वजह से रद्द हो गया। इसके साथ ही टीम इंडिया टी-20 सीरीज 0-1 से हार गई। लेकिन अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या टीम इंडिया को फ्लरिडा में जीत से रोका गया? क्या बारिश के बावजूद भारतीय टीम दूसरे टी20 में जीत सकती थी? अगर मैच के बाद भारत और वेस्टइंडीज के कप्तानों के बयान सुनें तो इसका जवाब हां में है। पहले ब्रॉडकास्टर और फिर ब्रेथवेट की एक चाल ने धोनी की सेना को चित कर दिया।
माना जा रहा है कि बारिश भारत की हार की सबसे बड़ी विलेन बनी लेकिन सिर्फ किस्मत को दोष देना आधा सच है। असल कहानी कुछ और भी है। पोर्ट ऑफ स्पेन हो या फिर फ्लोरिडा दोनों ही स्टेडियम में बारिश के बाद मैदान सुखाने के लिए कोई बंदोबस्त था ही नहीं।
बारिश नहीं वेस्टइंडीज की इस
भारत-वेस्टइंडीज के बीच फ्लोरिडा में हुआ दूसरा टी-20 मैच बारिश की वजह से रद्द हो गया। इसके साथ ही टीम इंडिया टी-20 सीरीज 0-1 से हार गई। लेकिन अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या टीम इंडिया को फ्लरिडा में जीत से रोका गया?
सुपर सोपर जैसी बेसिक चीज अंतर्राष्ट्रीय मैदान कहे जानने वाले इन स्टेडियम में नहीं थी। दूसरे टी20 में बारिश बंद होने के बाद मैदान सुखाने की कोशिश तो हुई, कुछ हद तक मैदान सूखा भी लेकिन आरोप है कि ट्रॉफी जीतने के लालच में विंडीज कप्तान ने खिलाड़ियों के लिए मैदान को खतरनाक बताकर सीरीज पर कब्जा कर लिया।
विंडीज के कप्तान कार्लोस ब्रेथवेट का कहना है कि मेरे मुताबिक वो मैदान असुरक्षित था, चाहें रनअप एरिया ठीक भी हो लेकिन अगर बल्लेबाज आउट फील्ड में बॉल को मारता और फील्डर बॉल रोकने के लिए दौड़ता तो ऐसी चोट लग सकती थी जो खिलाड़ी का करियर ही खत्म कर दे तो मेरे ख्याल से वहां खेलने के लिए सही हालात नहीं थे और अंपायर ने भी ऐसा माना।
वहीं दूसरी तरफ कप्तान धोनी के मुताबिक वो इससे पहले कई बार इस तरह के हालातों में खेल चुके हैं। धोना का कहना है कि अपने 10 साल के क्रिकेट करियर में मैं इससे भी बुरे हालातों में खेल चुका हूं। 2011 में इंग्लैंड में हमने पूरी वनडे सीरीज बारिश के अंदर खेली थी, लेकिन फैसला अंपायर का होता है। अगर उन्होंने फैसला लिया है कि नहीं खेल सकते तो नहीं खेल सकते।
लेकिन अब बात यहां सिर्फ बारिश के इंतजामों की नहीं है। क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका को मेजबान बनाने के प्लान की मैदान पर पोल खुल गई। दरअसल प्रसारण को लेकर मैच से ठीक पहले तकनीकी मामला सामने आया और इसके बाद मैच को ही देरी से शुरू करने का फैसला लिया गया। ये क्या मामला था ये साफ नहीं है कि लेकिन इसे सिर्फ तकीनीकी कहकर आयोजकों ने अपना पलड़ा झाड़ लिया।
प्रसारण मुद्दे की वजह से मैच 40 मिनट देरी से शुरू हुआ। अगर हिसाब लगाएं तो करीब 8 से 10 ओवर का खेल मैच की शुरुआत में ही बर्बाद हो गया और यही मैच के बाद में टर्निंग प्वाइंट बन गया। क्योंकि अगर मैच समय से शुरू होता तो बारिश के बावजूद डकवर्थ लुइस नियम से नतीजा जरूर निकल जाता।
टी20 में डकवर्थ लुइस नियम लगाने के लिए दूसरी पारी में 5 ओवर का खेल होना जरूरी है लेकिन दूसरे टी20 में भारतीय टीम सिर्फ 2 ओवर ही खेल पाई। हालांकि आईसीसी वेस्टइंडीज के मैदान को लेकर नोटिस भेज चुकी है लेकिन अमेरिका में जो हुआ उसके लिए भी संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा जाना चाहिए।