खेल
नहीं माना क्रिकेट बोर्ड, जेल की हवा खाने वाले को बनाया टीम का कोच
ऐसे समय में जब सुप्रीम कोर्ट इस कोशिश में है कि भारतीय क्रिकेट को साफ-सुथरा बनाया जाए और किसी भी तरह के आपराधिक छवि वाले को इसके करीब भी नहीं पहुंचने दिया जाए, एक चयन ने सभी को हैरान कर दिया है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से संबंधित बड़ौदा क्रिकेट संघ ने एक उस पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर को अपनी रणजी टीम का कोच नियुक्त किया है जिसे आज से 7 साल पहले 2009 में आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण जेल की सजा हो चुकी है।
अंग्रेजी वेबसाइट एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक बड़ौदा ने रणजी ट्रॉफी के वास्ते अपनी टीम का कोच पूर्व क्रिकेटर जैकब मार्टिन को चुना है जिन्होंने टीम इंडिया के लिए 10 वनडे मैच खेले हैं। लेकिन वह 2011 में दिल्ली में मानव तस्करी के आरोप में जेल की हवा खा चुके हैं। मार्टिन पर 2003 में मानव तस्करी में शामिल होने के संबंध में 2009 में इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई गई थी।
साथ ही वह बड़ौदा और रेलवे के लिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेल चुके हैं।
युवाओं को विदेश भेजने के लिए मार्टिन ने बनाई थी फर्जी टीम
PC: Getty
बड़ौदा के कुछ वरिष्ठ खिलाड़ी और बड़ौदा क्रिकेट संघ (बीसीए) के कुछ अधिकारियों का मानना है कि जैकब मार्टिन का कोच के रूप में चुना जाना लोढ़ा समिति के सिफारिशों के बिल्कुल विपरीत है। उनका कहना है कि बीसीसीआई के चयनकर्ताओं के लिए एक शर्त यह है कि इस पद के लिए अप्लाई करने वाले के खिलाफ किसी भी तरह की आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए।
44 साल के मार्टिन ने 1999-2000 में भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय मैच खेले थे जिसमें उनका पर्थ में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे मैच में 39 रनों की पारी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था।
अंग्रेजी अखबार मिड-डे से बड़ौदा टीम से जुड़े एक वरिष्ठ खिलाड़ी ने शिकायत भरे लहजे में कहा, “यह कैसे संभव हो सकता है कि जिसने तिहाड़ जेल में समय बिताया हो और जिस पर केस चल रहा हो उसे रणजी ट्ऱॉफी का कोच कैसे चुना जा सकता है। बीसीसीआई का किसी अपराधिक छवि वाले व्यक्ति को नहीं रखने का नियम कोच और अन्य मामलों में भी लागू होने चाहिए।”
मार्टिन को 2011 में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था। उन पर 2003 में मानव तस्करी में शामिल होने के कारण 2009 में दिल्ली के एक पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। उन पर आरोप था कि निमेश कुमार नाम के एक युवा क्रिकेटर से पैसे लेकर फर्जी पासपोर्ट के आधार पर इंग्लैंड में क्रिकेट खेलने के लिए भेजा था।
कुमार ने बाद में आरोप लगाया कि मार्टिन ने अपने एक सहयोगी की मदद से इंग्लैंड दौरे की व्यवस्था की थी और इसके लिए उन्होंने 7 लाख रुपए भी लिए थे।
इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पुलिस थाने के डिप्टी कमिश्नर आरए संजीव ने पीटीआई से कहा था, “मार्टिन ने अजवा स्पोर्टस टीम नाम से एक नकली टीम बनाई, जिसमें खुद को एक खिलाड़ी के रूप में शामिल किया था।” बाद में आई रिपोर्ट में कहा गया था कि मार्टिन से इस पूरे प्रकरण में सहयोग करने के लिए कहा गया लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। बाद में वह सुप्रीम कोर्ट गए जहां से उनकी याचिका खारिज हो गई और उन्हें समर्पण करने का आदेश दिया गया।