Menu

राजनीति
मोदी सरकार के इस फैसले के साथ ही इतिहास बना रेल बजट

nobanner

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज रेल बजट को आम बजट में मिलाने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई। रेल मंत्री सुरेश प्रभु पहले ही बजट के विलय के प्रस्ताव को अपनी सहमति दे चुके थे। कैबिनेट की बैठक में प्रभु और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ए के मित्तल भी शामिल हुए, जिससे वे इस ऐतिहासिक फैसले का हिस्सा बने। इस फैसले के बाद रेल बजट को अलग से पेश करने की 92 साल पुरानी परंपरा खत्म हो जाएगी।

रेल बजट का आम बजट में विलय करने के साथ ही साल 2017-18 का आम बजट 1 फरवरी को पेश किए जाने पर भी फैसला लिया जाना था जिसे एक दिन के लिए टाल दिया गया है। गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर भी फैसला किया जा सकता है। अब तक आम बजट फरवरी के आखिरी दिन पेश होता रहा है। बजट में विभिन्न मंत्रालयों के खर्च को योजना और गैर-योजना बजट के तौर पर दिखाये जाने की व्यवस्था को भी समाप्त किये जाने का प्रस्ताव है।

मोदी सरकार के इस फैसले के साथ ही इतिहास बना रेल बजट

सरकार का इरादा समूची बजट प्रक्रिया को एक अप्रैल को नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले पूरी करने का है, ताकि बजट प्रस्तावों को नया वित्त वर्ष शुरू होने के साथ ही अमल में लाया जा सके। यही वजह है कि बजट बनाने की पूरी प्रक्रिया को समय से पहले शुरू किया जा रहा है और फरवरी अंत के बजाय फरवरी के पहले दिन बजट पेश करने का फैसला लिया जाना है।

सूत्रों के अनुसार सरकार संसद का बजट सत्र 25 जनवरी 2017 से पहले बुला सकती है। एक फरवरी को आम बजट पेश करने से एक दो दिन पहले आर्थिक समीक्षा पेश की जा सकती है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अग्रिम अनुमान आंकड़े अब फरवरी के बजाय सात जनवरी को पेश किये जा सकते हैं। विभिन्न मंत्रालय अब व्यय की मध्यवर्षीय समीक्षा 15 नवंबर तक पूरी कर सकते हैं।