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सायरस के ‘टाटा’ पर गंभीर आरोप, बोले- ‘नैनो घाटे का सौदा, बंद कर देना चाहिए’
टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद सायरस मिस्त्री ने ग्रुप पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सायरस ने ग्रुप के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को 5 पन्नों की चिट्ठी भेजी है, जिसमें रतन टाटा को भी निशाना बनाया है.
इस चिट्ठी में सबसे बड़ा आरोप टाटा की लखटकिया कार यानी नैनो को लेकर है. सायरस के मुताबिक नैनो टाटा ग्रुप के लिए घाटे का सौदा बन चुकी थी, जिसे सिर्फ भावनात्मक कारणों से बंद नहीं किया गया जबकि इसे तुरंत बंद कर देना चाहिए.
लोगों को लखटकिया कार का सपना दिखाने वाले रतन टाटा ने 2009 में खुद नैनो कार को लांच किया था. लेकिन 7 साल बाद इसी कार को लेकर रतन टाटा पर सवाल उठ रहे हैं.
टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद से हटाए गए सायरस मिस्री ने आरोप लगाया है.
नैनो कार की वजह से ग्रुप का नुकसान करीब 1000 करोड़ रुपए तक पहुंच गयानैनो की लागत 1 लाख रुपए से ज्यादा हो चुकी थीउन्होंने नैनो को बंद करने की सिफारिश की थीभावनात्मक कारणों की वजह से नैनो को बंद नहीं किया गया
सायरस ने ये आऱोप टाटा समूह के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स को भेजी एक चिट्ठी में लगाए. इस चिट्ठी में सायरस ने और भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं. सूत्रों के मुताबिक 5 पन्नों की चिट्ठी में सायरस ने आरोप लगाए-
बिना सफाई का मौका दिये किसी चेयरमैन को पहली बार ऐसे हटाया गया है.फैसले के बाद टाटा ग्रुप और मेरी छवि को झटका लगा है.फैसला अवैध और अमान्य हैटाटा ग्रुप को 1800 करोड़ डॉलर का नुकसान हो सकता है.मुझे कभी भी ग्रुप को चलाने की पूरी आजादी नहीं दी गई.
22 करोड़ रुपए के गलत लेन देन का आरोप