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टेक्नोलॉजी
देश के किसी भी हिस्से में डॉक्टर को नहीं ढूंढनी पड़ेगी आपकी मेडिकल हिस्ट्री

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जब भी मरीज किसी डॉक्टर के पास देश के किसी भी हिस्से में जाएगा, डॉक्टर को एक क्लिक से मरीज से जुड़ी सभी बीमारियों के बारे में जान सकेगा। डॉक्टर को मरीज के लिए प्रतिबंधित दवाओं, खानपान और परहेज संबंधी जानकारी हासिल हो जाएगी। इससे न केवल इलाज में टेस्ट से बचा जा सकेगा, बल्कि मरीज को बिना देरी के जरूरी ट्रीटमेंट हासिल हो पाएगा।

– आईटी मंत्रालय के तहत काम करने वाले निकाय सी-डेक ने नेशनल हेल्थ डाटा स्कीम नामक प्रोग्राम तैयार किया है।
– इसके तहत मरीज को अपने इलाज के दौरान अपना आधार नंबर बताना होगा। उसके आधार पर उसका हेल्थ रिकार्ड क्लाउड पर खोल दिया जाएगा।
– सीडेक ने इस योजना का प्रेजेंटेशन हेल्थ सेक्रेटरी के सामने किया था, जिसे मंजूरी भी मिल गई है। ये योजना केंद्र सरकार के ई-अस्पताल योजना के तहत शुरू की जा रही है।
पहले यहां शुरू होगी योजना
– पहले चरण में यह योजना एम्स, सफदरजंग अस्पताल और राममनोहर लोहिया अस्पताल के साथ ही देश के सभी एम्स अस्पतालों और सीजीएचएस अस्पतालों में लागू ​की जाएगी।
– उसके बाद इसे सभी राज्यों के सरकारी अस्पतालों में लागू किया जाएगा। छह माह में इस पर काम शुरू हो जाएगा।
रिकॉर्ड से लिंक होगा मरीज का मोबाइल
– ई-अस्पताल योजना के तहत मरीज का मोबाइल नंबर उसके रिकॉर्ड से लिंक किया जाएगा। वह जब भी किसी डॉक्टर के पास जाएगा तो वह डॉक्टर को अपना मोबाइल नंबर बताएगा।
– उसके आधार पर इस स्कीम की वेबसाइट पर जाकर डॉक्टर मरीज का रिकॉर्ड देखेगा।
– डॉक्टर किसी मरीज के रिकॉर्ड तक पहुंचने की कोशिश करेगा तो मरीज के मोबाइल पर एक वन टाइम पासवर्ड और ओटीपी आएगा।

सरकार को बड़ी बीमारियों का डाटा तैयार कर सकेगी
– सरकार को आने वाले समय में इससे उन रोगों का पता चल पाएगा, जो बड़े पैमाने पर हैं। इसके आधार पर उन पर रिसर्च या उन्हें खत्म करने में मदद मिलेगी।
– जिन रोगों से अधिक लोग पीड़ित होंगे, उनसे संबंधित विशेष योजनाएं प्लान करने में सरकार को मदद मिलेगी।
– सरकार को इससे यह भी पता चलेगा कि किस बीमारी में कौन डॉक्टर अधिक निपुण हैं या फिर किसे संबंधित बीमारी को लेकर कम जानकारी है।
– अगर किसी एक इलाके में किसी खास मर्ज को लेकर कम जानकारी डॉक्टरों को होगी तो वहां पर वह विशेष डॉक्टरों की तैनाती कर सकती है।