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राजनीति
SYL मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से झटके के बाद अब ये है अकाली दल की रणनीति!

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सुप्रीम कोर्ट से सतलुज यमुना लिंक मुद्दे पर हरियाणा के पक्ष में फैसला देने के दो दिन बाद पंजाब में सत्ताधारी शिरोमणि अकाली दल ने 16 नबंवर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. अकाली सरकार जल बंटवारा समझौतों को रद्द के लिए एक विधेयक लाने के विकल्पों की तलाश कर रही है.

नदी जल मुद्दे की लड़ाई संसद तक ले जाने के अलावा विधान सभा के आगामी सत्र में शिरोमणि अकाली दल ने एक स्थगन प्रस्ताव लाने का फैसला किया है. प्रस्ताव में इस सवाल पर चर्चा की मांग की जायेगी कि ‘क्या न्यायपालिका संविधान से बड़ी है या संविधान न्यायापालिका से बड़ा है.’

शिअद के प्रवक्ता प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने आज कहा, ‘‘हम राज्य विधानसभा के 16 नवंबर को बुलाए गए विशेष सत्र में अंतरराज्यीय जल बंटवारा समझौतों पर असंवैधानिक फैसलों को रद्द करने के लिए एक विधेयक लाने के विकल्पों पर गौर कर रहे हैं.’’ उन्होंने कहा कि शिअद विधेयक के माध्यम से हरियाणा और राजस्थान को दिए जा रहे मौजूदा जल प्रवाह को रोकने के लिए विकल्पों का परीक्षण कर रही है.

प्रवक्ता ने कहा कि शिअद ‘करो या मरो’ की लड़ाई के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि 16 नवंबर को बुलाए गए विशेष सत्र में पंजाब के भविष्य पर फैसला होगा. लोकसभा सांसद चंदूमाजरा ने कहा कि पंजाब से संबंधित जल बंटवारा समझौते के बाबत लिए गए फैसले या तो राजनीति से प्रेरित थे या दवाब में लिए गए थे.

उन्होंने कहा कि हम कह रहे हैं कि नदी तट कानून के मुताबिक, राज्य अपने पानी के वास्तविक मालिक होते हैं. चंदूमाजरा ने कहा कि शिअद संसद में भी जल मुद्दे को उठाएगी.