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आज कैप्टन अमरिंदर 9 मंत्रियों के साथ लेंगे सीएम की शपथ, सिद्धू के डिप्टी सीएम पर फंसा पेच
मोदी लहर के बीच कांग्रेस के लिए जीत का परचम लहराने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह आज पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. सुबह साढ़े 11 बजे शपथग्रहण समारोह होगा. दस साल बाद पंजाब में कांग्रेस की वापसी हुई है और अमरिंदर पंजाब के 26वें मुख्यमंत्री बनेंगे.
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विधानसभा चुनाव में मोदी लहर में जब बड़े बड़े निपट गए तब पंजाब में कैप्टन कांग्रेस के लिए नई उम्मीद लेकर आए, अकाली और बीजेपी गठबंधन के अलावा पहली बार पंजाब का चुनाव लड़ रहे केजरीवाल की पार्टी को भी धूल चटा दी और कांग्रेस को भारी जीत दिलाई, अब कैप्टन आज दूसरी बार पंजाब की कमान संभालने जा रहे हैं.
अमरिंदर ने लगाया सिद्धू के डिप्टी सीएम बनने पर अडंगा लेकिन कांग्रेस आलाकमान राज़ी-सूत्र
शपथग्रहण समारोह से पहले एबीपी न्यूज को जानकारी मिली है कि अमरिंदर के अलावा नौ मंत्री भी आज शपथ ले सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में आए नवजोत सिंह सिद्धू को उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. सिद्धू पहले बीजेपी में थे लेकिन अकाली दल से मतभेद की वजह से उन्होंने चुनाव से दो महीने पहले बीजेपी छोड़ दी थी.
खबर ये भी है कि राणा कंवर पाल सिंह को विधानसभा का स्पीकर बनाया जा सकता है. राणा कंवर पाल सिंह आनंदपुर साहिब से चुनाव जीते हैं. इस बार के विधानसभा चुनाव में कैप्टन के आगे किसी की नहीं चली. सत्ता विरोधी लहर में अकाली-बीजेपी गठबंधन की बुरी तरह हार हुई और पहली बार पंजाब का चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी भी कोई कमाल नहीं कर पाई.
मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह पारंपरिक तौर पर राजभवन में होता है. लेकिन निवर्तमान मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने 2007 और 2012 में शिअद-बीजेपी गठबंधन की सरकार बनने के समय अलग-अलग जगहों पर शपथ ग्रहण की थी. यह दूसरी बार है जब अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेंगे. इससे पहले वह 2002 से 2007 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे.
सत्ता विरोधी लहर पर सवार होकर कांग्रेस दस साल के अंतराल के बाद पंजाब में सत्ता में आयी है. उसने विधानसभा की 117 सीटों में से 77 सीटों पर कब्जा जमाया. वहीं सत्तारूढ़ शिअद-बीजेपी को 18 सीटें मिली. इसके अलावा पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरी आप ने 20 सीटें जीतीं जबकि दो सीटें नयी पार्टी और आप की सहयोगी लोक इंसाफ पार्टी को मिली.विधानसभा चुनाव में कैप्टन के चेहरे पर ही कांग्रेस ने चुनाव लड़ा था, इसलिए वो एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं.