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300 whatsapp ग्रुप्स के जरिए कश्मीर में फैलाई गई हिंसा

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जम्मू-कश्मीर के एक पुलिसवाले ने खुलासा किया है कि कश्मीर में पत्थरबाजों को जुटाने के लिए 300 WhatsApp ग्रुप्स बनाए गए थे. हालांकि दावा है कि पुलिस ने अब इन ग्रुप्स पर काबू पा लिया है. सूत्रों के मुताबिक राज्य की स्थिति को देखते हुए महबूबा मुफ्ती से केंद्र सरकार नाराज़ है. सीएम महबूबा मुफ्ती आज पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने वाली हैं.

लड़कों को जुटाने के लिए WhatsApp का इस्तेमाल किया

कश्मीर में पत्थरबाजी करने वाले लड़कों को जुटाने के लिए WhatsApp का इस्तेमाल किया जा रहा था. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को एक पुलिस अधिकारी ने बताया है कि कश्मीर में पथराव करने वालों को जुटाने के लिए तकरीबन 300 व्हाट्सएप ग्रुप का इस्तेमाल किया जा रहा था. हालांकि उसमें से 90 फीसदी अब बंद हो गए हैं. पीटीआई को नाम न बताने की शर्त पर अधिकारी ने कहा कि हर ग्रुप में तकरीबन 250 सदस्य थे.

ग्रुप्स और ग्रुप एडमिन की पहचान की, पुलिस ने काउंसलिंग के लिए बुलाया

पुलिस ने इन ग्रुप्स और ग्रुप एडमिन की पहचान की, जिन्हें पुलिस ने काउंसलिंग के लिए बुलाया था. उन्हें इस पहल पर अच्छी प्रतिक्रिया मिली. उन्होंने कहा कि पिछले तीन हफ्ते में 300 में से 90 फीसदी व्हाट्सएप ग्रुप्स को बंद कर दिया गया है. इंटरनेट सेवाओं को सस्पेंड करने से मुठभेड़ों के दौरान पथराव पर में कमी आई है.

मिलकर कश्मीर की आग बुझाने की कोशिश करेंगी मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती

आज जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मिलकर कश्मीर की आग बुझाने की कोशिश करेंगी. एबीपी न्यूज़ के सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में महबूबा सरकार से सख्त नाराज है. सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार राज्य में कानून व्यवस्था के लगातार ख़राब होते हालात के बीच दूसरे विकल्पों पर विचार कर रही है. महबूबा सरकार से समर्थन वापसी के हालात में राज्य में राज्यपाल शासन लगाने और नए गवर्नर की नियुक्ति समेत तमाम विकल्पों पर भी विचार चल रहा है.

मोदी सरकार किसी फौरी ईलाज की तरफ नहीं जाना चाहती

दो साल पहले जम्मू-कश्मीर में पहली बार बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) की पीडीपी (पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी) के साथ मिलकर सरकार बनी थी. सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार घाटी में हालात को सामान्य करने के लिए किसी फौरी ईलाज की तरफ नहीं जाना चाहती. बल्कि एक दूरगामी रणनीति के तहत काम करना चाहती है. सूत्रों के मुताबिक सरकार किसी भी सूरत में अलगाववादियों से बातचीत नहीं करेगी.

हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की पूरी छूट देने के पक्ष में

मौजूदा हालात से निपटने के लिए केंद्र सरकार सेना और सुरक्षाबलों को आतंकियों और हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की पूरी छूट देने के पक्ष में है. हालांकि सुरक्षा एजेंसियों को इस बात की आशंका है आने वाले दिनों में घाटी में हालात और बिगड़ सकते हैं. आने वाले दिनों में सीमा पार से घुसपैठ की कोशिशें तेज होने की आशंका है.