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सरकार का पैसेंजर सर्विस फीस बढ़ाने पर विचार, महंगा हो सकता है हवाई सफर

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आज एविएशन इंड्स्ट्री को लेकर एक बड़ी खबर आई. पहली खबर में नो फ्लाई लिस्ट के तहत यात्रियों के गलत व्यवहार पर लगाम लगाने की सरकार की तैयारी दिखी है. वहीं दूसरी खबर के तहत विमान यात्रियों द्वारा दिए जाने वाले यात्री सेवा शुल्क-पैसेंजर सर्विस फीस (पीएसएफ) में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है. इसकी वजह यह है कि सरकार सेफ्टी और सुगमता फीस में बढ़ोतरी पर विचार कर रही है. यदि ऐसा होता है तो हवाई यात्रा की टिकटें कुछ महंगी हो सकती हैं. एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद एविएशन मिनिस्ट्री से हवाई अड्डों पर सेफ्टी मैनेजमेंट की लागत निकालने के लिए तरीके ढूंढने को कहा गया है. इस बैठक में गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू, नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल शामिल हुए.

एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि गृह मंत्रालय से भी यह पता लगाने को कहा गया है कि देश में 143 कामकाज वाले हवाई अड्डों की सालाना सुरक्षा लागत कितना बैठेगी. इन दोनों मंत्रालयों से रिपोर्ट 2 महीने में आने की उम्मीद है. उसके बाद पीएसएफ बढ़ाने पर फैसला किया जाएगा. देश में हरेक विमान यात्री को सुरक्षा शुल्क के रूप में 130 रुपये देने पड़ते हैं. यह एयरलाइंस द्वारा टिकट की बिक्री करते समय लिए जाने वाले 225 रुपये के पीएसएफ शुल्क का हिस्सा होता है.

एक अधिकारी ने कहा कि पिछले 15 साल से 130 रुपये की सेफ्टी फीस में इजाफा नहीं हुआ है. अब जबकि देश में हवाई अड्डों की सुरक्षा लागत कई गुना बढ़ चुकी है, इस बात की संभावना बनती है कि इसमें बढ़ोतरी होगी. फिलहाल इस बात पर एक राय नहीं है कि देश में हवाई अड्डों पर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की सुरक्षा प्रदान करने के लिए गृह मंत्रालय के 800 करोड़ रुपये के बिल का बोझ कौन उठाएगा.

नागर विमानन मंत्रालय की दलील है कि सुरक्षा सरकार का कामकाज है, ऐसे में यह पैसा देश के संचित निधि से आना चाहिए. वहीं वित्त मंत्रालय का कहना है कि इसका बोझ विमान यात्रियों पर डाला जाना चाहिए.

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