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अपराध समाचार
स्किन इंफेक्शन की नकली दवा बनाने वाली फैक्टरी का पर्दाफाश

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मंडालीगाम के पास स्थित सोमेश्वर इंडस्ट्रीयल पाके में वादिश नाम की फैक्टरी पिछले डेढ़ साल से रजिस्टर्ड ब्रांड के नाम पर स्किन एलर्जी की नकली क्रीम का उत्पादन कर रही थी, जिसका पर्दाफाश शुक्रवार की सुबह सीआईडी की क्राइम ब्रांच ने किया। फैक्टरी से 81 लाख की कीमत के स्किन इंफेक्शन में इस्तेमाल में लाई जा रही डुप्लीकेट ट्यूब का जखीरा जब्त किया गया।

सीआईडी क्राइम ने नकली ट्यूब बनाने वाली मशीनरी और फैक्टरी सील कर दी है। फैक्टरी के मालिक और संचालक के खिलाफ ट्रेड मार्क कॉपीराइट भंग समेत कानूनी कार्यवाही जारी है। वेल वादिश नाम की फैक्टरी डुप्लीकेट दवाएं बनाकर बेच रही है, इस आशय की सूचना मिलने के बाद शुक्रवार को गांधीनगर सीआईडी क्राइम के पीआई दीपक मिश्रा और लांघणज पुलिस के संयुक्त प्रयास से अचानक छापा मारा। छापे के दौरान पता चला कि क्लोबेट जीएम आरसी के नाम से रजिस्टर्ड ब्रांड के नाम पर स्किन एलर्जी की नकली क्रीम का उत्पादन किया जा रहा है।

डेढ़ साल से चल रहा था यह गोरख धंधा

पुलिस जांच में यह सामने आया है कि महेसाणा के सचिन जयंती लाल पटेल, मनीष हरगोवन भाई पटेल और हसमुख मनीषभाई पटेल की इस वादिश फार्मा नाम की फैक्टरी में पिछले डेढ़ साल से यूनिवर्सल लेब्स के संचालक जयेश कांतिलाल मेहता ने किराए पर रखकर क्लोबेट जीएम आरसी नाम की रजिस्टर्ड कंपनी के नाम पर स्कीन एलर्जी की नकली क्रीम का उत्पादन किया जा रहा है। पुलिस ने छापे में क्रीम बनाने के सभी मटेरियल्स बरामद कर लिए हैं।

सेम्पल एफएसएल में भेजे जाएंगे

बरामद किए गए मटेरियल्स को एफएसएल भेजा जाएगा, जहां उसकी जांच होगी। तब सही पता चल पाएगा कि यहां बनाई जाने वाली क्रीम नकली थी या नहीं। इस समय कॉपीराइट भंग का अपराध कायम कर आगे की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।

सीआईडी क्राइम को छापा मारने का अधिकार ही नहीं है

स्कीन एलर्जी की क्रीम का उत्पादन करने वाले जयेश मेहता ने बताया कि हम कुछ भी गलत नहीं कर रहे हैं। ट्रेड मार्क संबंध में सिविल कोर्ट में दावा किया गया है। यह सिविल का मामला है। सीआईडी क्राइम को रेड करने का कोई अधिकार ही नहीं है। दवा डुप्लीकेशन का मामला होता है, तो फूड एंड ड्रग्स के अधिकारियों को साथ लाना आवश्यक था।