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सरकार कर रही है नई टेलीकॉम पॉलिसी पर काम जो एप्लिकेशन बेस्ड होगी- मनोज सिंह

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सरकार नई टेलीकॉम पॉलिसी पर काम कर रही है. जो संपर्क वाली राष्ट्रीय दूरसंचार नीति 2012 की तुलना में आवेदन वाली होगी. संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि नई नीति में अंतिम यूजर पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए और दूरसंचार सेवाओं का विस्तार करने के लिए नए अवसरों की तलाश की जानी चाहिए.

उन्होंने कहा कि ”हाई स्पीड डेटा सेवाओं के आगमन और उपभोक्ताओं की बढ़ती उम्मीदों के चलते वास्तविक समय में लाईव आवेदन के लिए बैंडविड्थ की मांग के कारण नई नीतियां तैयार की गई हैं. मंत्रालय ने नई नीति के लिए पहली बार नागरिकों और हितधारकों से अधिक जानकारी लेने के लिए अपने विभाग के बाहर से बड़ी संख्या में विशेषज्ञों को शामिल करने का फैसला किया है. अप्रैल 2017 तक देश में 1.17 अरब वायरलेस टेलीफोन कनेक्शन सहित लगभग 1.2 अरब टेलिफोन कनेक्शन रहे. इसीतरह ब्रॉडबैंड कनेक्शन में भी तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है जो अब 27.65 करोड़ है.

सिन्हा ने कहा कि ”हमारे सर्विस प्रोवाइडर तेजी से 4G प्रौद्योगिकी लगा रहे हैं ऐसे में उनका ध्यान दो महत्वपूर्ण पहलुओं पर है. पहला पूर्वोत्तर और उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों सहित सभी क्षेत्रों में कनेक्टिविटी का आवश्यक विस्तार करने पर है. दूसरा भविष्य की 5G तकनीक पर नजर रखे हुए हैं.

मंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम और डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए कनेक्टेविटी पहली आवश्यकता है. 19वीं और 20वीं सदी में विकास के लिए सड़क बुनियादी ढांचा जरूरी था लेकिन 21वीं सदी में प्रगति के लिए सूचना सुपर हाइवे अति आवश्यक है. इंडियन टेलीग्राफ राइट ऑफ वे रूल्स, 2016 में केबल बिछाने की मंजूरी प्रक्रिया को और सरल बनाना तथा दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए कारोबार करने में सुगमता लाने में मदद करना अधिसूचित किया गया है.

उन्होंने जानकारी दी कि दूरसंचार विभाग ने पिछले सप्ताह, “केन्द्रीय उपकरण पहचान पंजीकरण की घोषणा की है.इससे अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान (आईएमइआई) आधारित उपकरण पंजीकरण तथा प्रमाणन के लिए मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे मोबाइल फोन की चोरी के मामले निपटाने में काफी मदद मिलेगी। विभाग दूरसंचार उपभोक्ता शिकायतों के निपटान के लिए ट्राई की सिफारिशों पर भी विचार कर रहा है. विभाग ने अधिकारियों से आधुनिक तकनीक संचालित समाधान के लिए सुझाव देने को कहा है.”