खेल
भुवी के पहले पचासे ने दूसरे वनडे में तीन विकेट से दिलाई जीत
श्रीलंका के खिलाफ दूसरे मुकाबले में कैंडी के मैदान पर भुवनेश्वर कुमार ने बल्ले से शानदान जौहर दिखाया. पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के मार्गदर्शन में खेलते हुए भुवी ने अपने करियर की अनमोल पारी खेली और नौंवे नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए शानदार पचासा जड़ा. भुवी ने 80 गेंदों पर 4 चौके और 1 छक्के की मदद से शानदार 53 रन बनाए. उनके करियर का ये पहला पचासा है. हालांकि भुवी की इस पारी के आकर्षण में धोनी के गाइडेंस को श्रेय दिया जाना चाहिए.
धोनी ने एक छोर पर खड़े होकर अपने चिरपरिचित अंदाज में बल्लेबाजी की और भुवी को खुलकर उभरने का मौका दिया. धोनी ने 68 गेंदों पर एक चौके की मदद से नाबाद 45 रन बनाए.
दाएं हाथ के बल्लेबाज ने धैर्यपूर्वक पहले भारतीय पारी को संभाला और फिर हाथ खोले. दोनों बल्लेबाजों ने भारत के लिए आठवें विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी की. धोनी और भुवी ने आठवें विकेट के लिए 100 रन जोड़े. दोनों की साझेदारी में भुवी ने ज्यादा खुलकर शॉट खेले. भारतीय पारी के आखिरी चार चौके भुवी के बल्ले से निकले.
हालांकि एक मौके पर श्रीलंका को थोड़ी उम्मीद बंधी थी जब विश्व फर्नांडो की गेंद पर धोनी का एक शॉट मिस हुआ और गेंद विकेटों से टकरा गई. हालांकि गिल्लियां और नहीं गिरी और धोनी बच गए. इस समय भारत को पचास से कम रन चाहिए थे.
इसके बाद भुवी ने एक शानदार छक्का जड़ा और अब भारत को 30 से कम रनों की जरूरत थी. एक बार फिर भुवी ने गियर बदला और लगातार चौके जड़कर लक्ष्य और श्रीलंका की उम्मीदों को बौना बना दिया.
इससे पहले श्रीलंका के 236 रनों का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को रोहित शर्मा और शिखर धवन (49) ने धांसू शुरुआत दी. दोनों बल्लेबाजों ने पहले विकेट के लिए 15.3 ओवर में 109 रन जोड़े. इसी स्कोर पर रोहित शर्मा (54) पवेलियन लौटे और भारतीय टीम एक भंवर में फंस गई.
धनंजया ने श्रीलंका की ओर से शानदार गेंदबाजी करते हुए 6 विकेट हासिल किए और भारतीय पारी को झकझोर कर रख दिया. हालांकि धोनी के धैर्य और भुवी के नियंत्रित शॉट्स ने धनंजया के प्रयासों पर पानी फेर दिया.