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हॉस्पिटल ने महिला को नहीं किया भर्ती, नाले के पास दिया बच्चे को जन्म
मानवता को शर्मशार करने वाली घटना एक बार फिर मीडिया की सुर्खियं बन रही है. मामला उड़िशा के कोरापुट जिले का है. दरअसल जरूरी दस्तावेज नहीं होने पर जब एक आदिवासी महिला को एक सरकारी अस्पताल ने कथित तौर पर भर्ती नहीं किया. मजबूर हो कर हॉस्पिटल के कैम्पस में एक नाले के पास एक बच्ची को जन्म दिया. हालांकि शहीद लक्ष्मण नायक मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने महिला को भर्ती नहीं करने के आरोपों को खारिज कर दिया है. घटना की खबर फैलने के बाद अस्पताल ने बच्ची को विशेष नवजात देखभाल इकाई में भर्ती किया और 30 वर्षीय महिला की भी अस्पताल में देखभाल की गयी.
अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि मां और बच्ची दोनों की हालत स्थिर है.
दसमंतपुर के तहत आने वाले जानीगुडा गांव की निवासी महिला अपनी मां और बहन के साथ अपने पति से मिलने आई थी जिसे बुधवार से बुखार आने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. महिला की मां का आरोप है कि इसी दौरान उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी और वह भर्ती होने के लिए स्त्रीरोग विभाग में गयी लेकिन अस्पताल के अधिकारियों ने उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया. हालांकि कोरापुट के मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी ललित मोहन रथ ने आरोपों को खारिज कर दिया.
पहले भी इस तरह की अमानवीय घटना सामने आ चुकी है.
इससे पहले भी इस तरह की अमानवीय घटना सामने आ चुकी है. पिछले साल 25 अगस्त को ओड़िशा के पिछड़े जिले कालाहांडी में एक आदिवासी को अपनी पत्नी के शव को अपने कंधे पर लेकर करीब 10 किलोमीटर तक चलना पड़ा. उसे अस्पताल से शव को घर तक ले जाने के लिए कोई वाहन नहीं मिल सका था.