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अपराध समाचार
यूपी पुलिस का सिरदर्द बने हैं दो नकाबपोश बैंक लुटेरे

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इन दिनों यूपी पुलिस परेशान है. करोड़ों रुपये लूटने वाले दो बदमाशों ने यूपी पुलिस की नाक में दम कर रखा है. ये बदमाश बैंक के गार्ड को गोली मार कर कैश वैन लूट लेते हैं. जेल से लेकर कई ज़िलों की पुलिस ने इन्हें ढूंढा, लेकिन अब तक इनका कोई सुराग नहीं मिल सका है. सीएम योगी आदित्यनाथ के कहने पर अब स्पेशल टास्क फ़ोर्स यानी एसटीएफ को ये केस दे दिया गया है. इन दोनों लूटेरों को पकड़ने पर यूपी पुलिस ने अब पांच-पांच लाख रुपयों का ईनाम देने की घोषणा भी कर दी है.

यूपी के गोंडा जिले के एसपी उमेश सिंह ने लोगों से अपील की है कि इनके बारे में पता चलने पर तुरंत खबर करें. कुछ दिनों की जांच के बाद एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश कहते हैं कि ये केस बड़ा टेढ़ा है. मामला यूपी के बाहर तक पहुंच चुका है. पुलिस अफसरों को लगता है कि इस तरह का तो कोई गैंग राज्य में है ही नहीं. सभी ज़िलों में बदमाशों की तस्वीरें एसपी ऑफिस में भेजी गयीं. इसे सभी जेलों में भी दिखाया गया लेकिन कुछ पता नहीं चला. इसीलिए एसटीएफ को लग रहा है कि ये दोनों लुटेरे राज्य के बाहर के हो सकते हैं.

इन लुटेरों का आतंक सूबे की राजधानी लखनऊ तक पहुंच गया है. यहां के बैंकों में चेकिंग अभियान शुरू हो गया है. एसएसपी दीपक कुमार हर दिन कुछ बैंकों में जाकर सुरक्षा व्यवस्था देखते है. उत्तर प्रदेश के कई शहरों में एक ही तरह से बैंक में डकैती हुई और लाखों रुपयों लूट लिए गए. इनके लूटने का तरीका एक जैसा है. इसमें मोटरसाइकिल पर सवार दो बदमाश आते हैं और बैंक गार्ड को गोली मार कैश बॉक्स लूट कर भाग जाते हैं. लुटेरों के चेहरे ढंके रहते हैं. लूट की ये घटनाएं तभी होती हैं, जब कैश को बैंक से बाहर ले जाया जा रहा होता या फिर बैंक में लाया जाता है.

पिछले साल गोंडा में गार्ड की ह्त्या कर इलाहाबाद बैंक से पचास लाख की लूट हुई थी. इससे पांच महीने पहले प्रतापगढ़ ज़िले में भी बैंक लूटने की कोशिश हुई थी. प्रतापगढ़ वाली घटना में भी बदमाशों ने गार्ड को गोली मार दी थी. लेकिन कैश बॉक्स चैन से बंधा हुआ था इसीलिए गुंडे रुपये नहीं लूट पाए.

गोंडा में हुई बैंक डकैती के जब सीसीटीवी फुटेज चेक किये गए तो बदमाशों की दो तस्वीरें मुश्किल से मिल पायीं. फिर प्रतापगढ़ के सीसीटीवी फुटेज को देखा गया तो इसमें भी वही दोनों लुटेरे नज़र आए. इनके चेहरे ढंके हुए थे लेकिन लंबाई और डीलडौल से सब साफ़ हो गया. दोनों बदमाशों की उम्र चालीस साल से ऊपर बतायी जा रही है.

जब बैंक लूट को वारदात देना होता है तब ये बदमाश वहां रुक कर कुछ दिनों तक रेकी करते है. अब इन शातिर बदमाशों के पकड़े जाने का इंतजार है, क्योंकि इनके पकड़े जाने पर ही यूपी में बैंक लूट की कई घटनाओं से पर्दा उठ पाएगा.