देश
और बढ़ सकती है फर्जीवाड़े की रकम, 30 बैंकों की जांच में पता चलेगा असली घोटाला
देश में भूचाल लाने वाले पंजाब नेशनल बैंक के महाघोटाले के मास्टरमाइंड नीरव मोदी ने सरकारी व्यवस्था की खामियों का जमकर फायदा उठाया. बैंक के ही दो अधिकारियों की मिलीभगत से 150 फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) जारी कराए गए जिसकी मदद से 11360 करोड़ रुपये का यह फर्जीवाड़ा किया गया.
30 अन्य बैंकों की जांच में पता चलेगी फर्जीवाड़े की सही रकम
इधर पीएनबी ने देश के 30 अन्य बैंकों को एक पत्र लिखा है, जिसमें ये कहा गया है कि वे फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) के सहारे किए गए इस घोटाले की मॉडस ऑपरेंडी की पड़ताल कर रही है. जैसे-जैसे वे इसकी तह में जा रहे हैं, वैसे-वैसे कई खामियां पता चल रही हैं. पत्र में कहा गया है कि इसके बारे में सभी बैंकों को बताया जाएगा, ताकि वे भी अपने यहां ऐसे किसी भी संदिग्ध लेन-देन की जांच कर सके. ऐसे घोटाले की सही रकम का अंदाजा पीएनबी समेत 30 अन्य बैंकों की जांच के बाद ही पता चल सकेगा.
बिना एंट्री करे जारी किए फर्जी 150 LoU
प्रवर्तन निदेशालय के मुताबिक पंजाब नेशनल बैंक के डिप्टी मैनेजर रहे गोकुलनाथ शेट्टी ने नीरव मोदी की कंपनियों को फर्जी तरीके से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग दिया. गोकुलनाथ शेट्टी ने अपने दूसरे साथी अफसर मनोज खरात के साथ मिलकर ये फर्जीवाड़ा किया. इन शातिरों ने पकड़ में आने से बचने के लिए बैंक के दस्तावेजों में नीरव की कोई एंट्री ही नहीं की गई.
इन चार बैंकों की विदेश ब्रांच से निकाले पैसे
नीरव मोदी ने इन्हीं फर्जी दस्तावेजों (LoU) का भरपूर फायदा उठाते हुए हांगकांग में इलाहाबाद बैंक की ब्रांच से 2000 से 2200 करोड़, यूनियन बैंक से 2000 से 2300 करोड़, एक्सिस बैंक से लगभग 2000 करोड़ और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से 960 करोड़ रुपये लिए.
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