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उन्नाव गैंगरेप: क्या ‘ठाकुर फैक्टर’ की वजह से बच रहे हैं कुलदीप सिंह सेंगर?
और पीड़िता के पिता की मौत के बाद आखिरकार 206 दिनों के बाद बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है. इतना सब होने के बाद शासन ने अब इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की बात कही है. इतना सब होने के बावजूद अभी तक विधायक की गिरफ्तारी नहीं हुई है. इस बीच गुरुवार को पुलिस की प्रेस कांफ्रेंस में डीजीपी ओपी सिंह विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को माननीय कहने के कारण फंस गए. सवाल पूछे जाने पर डीजीपी को सफाई देनी पड़ी.
इस बीच पीड़िता पक्ष का कहना है कि पहले विधायक की गिरफ्तारी होनी चाहिए. उसके बाद ही निष्पक्ष ढंग से जांच हो पाएगी. ऐसा इसलिए क्योंकि कुलदीप सिंह सेंगर को रसूखदार विधायक माना जाता है. कहा जाता है कि ब्राह्मणों के वर्चस्व वाले उन्नाव जिले में ठाकुर होने के कारण ही वह जीतते रहे हैं. उनको कुंडा के निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का करीबी माना जाता है. उनके समर्थन में छह विधायकों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की है. इस केस में सोशल मीडिया पर एक खास किस्म की बहस शुरू हो गई है. लोगों का कहना है कि कुलदीप सिंह ‘ठाकुर फैक्टर’ की वजह से बच रहे हैं.
इस मामले में सोशल मीडिया में कहा जा रहा है कि दरअसल मुख्यमंत्री, डीजीपी, उन्नाव के माखी गांव का दारोगा और विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के एक ही ठाकुर जाति का होने के कारण उन पर अभी तक सख्त कार्रवाई नहीं हुई. इस मामले में पीड़िता के चाचा की पुलिसकर्मी के साथ एक ऑडियो बातचीत भी सार्वजनिक हुई. उसमें पुलिसवाले को कहते पाया गया कि दारोगा, विधायक का खास आदमी है क्योंकि एमएलए ही उस दारोगा को इस थाने में लाया है. हालांकि मामला सामने आने के बाद दारोगा समेत पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया.