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मेनका गांधी ने की पॉस्को एक्ट में बदलाव की मांग, बच्चों से दुष्कर्म के दोषियों को मिले मौत की सजा

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नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची से सामूहिक दुष्कर्म पर लोगों के रोष के बाद केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को कहा कि उनका मंत्रालय बच्चों के साथ दुष्कर्म के दोषियों के लिए मृत्युदंड की सजा के प्रावधान के लिए पॉस्को एक्ट में संशोधन की मांग पर विचार कर रहा है. मेनका गांधी ने एक वीडियो संदेश में कहा, “मैं कठुआ में एक बच्ची से दुष्कर्म और हाल ही में बच्चों के साथ हुए दुष्कर्म के मामलों से बहुत व्यथित हूं.”

उन्होंने कहा, “मैं और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय यौन अपराधों से बच्चों की सुरक्षा (पॉस्को) एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव रखेंगे, जिसके तहत 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के साथ दुष्कर्म करने वालों के लिए मृत्युदंड की सजा का प्रावधान हो.”गौरतलब है कि जनवरी में कठुआ के रसाना गांव में बकरवाल समुदाय की आठ वर्षीय बच्ची को अगवा कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या में मास्टरमाइंड सांझी राम सहित आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. जांच से पता चला है कि बच्ची को मंदिर में बंधक बनाकर रखा गया और उसे आठ दिनों तक भूखा रखकर नशीली दवाएं दी गई और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया. इसके बाद बच्ची की नृशंस हत्या कर दी गई. जांच के मुताबिक, गांव में घुमंतू मुस्लिम समुदाय में खौफ पैदा करने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया गया. कठुआ गैंगरेप केस: पढ़ें आरोपियों ने कैसे दिया पूरी वारदात को अंजाम

महबूबा मुफ्ती बोलीं – नाबालिग से बलात्कार के लिए मौत की सजा का कानून बनाएंगे
इससे पहले जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बीते 12 अप्रैल को कहा कि उनकी सरकार बच्चियों से बलात्कार के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान वाला कानून बनाएगी. कठुआ जिले में खानाबदोश बकरवाल समुदाय की आठ वर्षीय एक बच्ची की बलात्कार के बाद हत्या की घटना की पृष्ठभूमि में उनका यह बयान आया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार इस मामले में कानून को बाधित नहीं होने देगी और बच्ची के साथ इंसाफ होगा.

महबूबा ने ट्वीट कर कहा, ‘‘हम बच्चियों से बलात्कार के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान वाला कानून बनाएंगे ताकि इस मासूम बच्ची का मामला इस तरह का आखिरी मामला रह जाए.’’ उन्होंने इस घटना का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘एक समूह के गैरजिम्मेदाराना कृत्यों और बयानों से कानून को बाधित नहीं होने दिया जाएगा. उचित प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है , जांच तेजी से चल रही है और इंसाफ किया जाएगा.’’