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खुशखबरी: 11 रुपए तक सस्ता होगा पेट्रोल, मोदी सरकार जल्द ले सकती है फैसला

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नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने को लेकर सरकार कई विकल्पों पर काम कर रही है, लेकिन अब उम्मीद है कि इस पर एक फैसला हो सकता है. हालांकि, यह फैसला केंद्र की मोदी सरकार और राज्य सरकारों को मिलकर करना होगा. जल्द ही पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाया जा सकता है. हालांकि, GST में आने पर भी पेट्रोल-डीजल से VAT खत्म नहीं होगा. बल्कि राज्य जीएसटी से साथ वैट भी वसूलेंगे. अगर ऐसा संभव हुआ तो पेट्रोल और डीजल पर GST और राज्यों के वैट का कॉम्बिनेशन टैक्स लग सकता है. लेकिन, बावजूद इसके देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 11 रुपए तक सस्ता हो जाएगा. कैसे 11 रुपए सस्ता होगा पेट्रोल, इसकी कैलकुलेशन समझने के लिए नीचे तक पढ़िए.

मौजूद टैक्स के बराबर होंगे टैक्स
सरकारी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, GST रिजिम में दोनों ऑटो फ्यूल पर टैक्स लगाने की तैयारी हो रही है. GST के दायरे में आने पर अधिकतम दर 28 फीसदी टैक्स लगेगा. अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो दोनों फ्यूल पर सबसे ज्यादा 28 फीसदी जीएसटी रेट और राज्यों के लोकल सेल्स टैक्स या वैट लग सकता है. सबसे ज्यादा जीएसटी रेट (28%) के साथ ही वैट मौजूदा टैक्स के बराबर ही होगा. इसमें केंद्र की एक्साइस ड्यूटी और राज्यों का वैट शामिल होगानई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल के दाम कम करने को लेकर सरकार कई विकल्पों पर काम कर रही है, लेकिन अब उम्मीद है कि इस पर एक फैसला हो सकता है. हालांकि, यह फैसला केंद्र की मोदी सरकार और राज्य सरकारों को मिलकर करना होगा. जल्द ही पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाया जा सकता है. हालांकि, GST में आने पर भी पेट्रोल-डीजल से VAT खत्म नहीं होगा. बल्कि राज्य जीएसटी से साथ वैट भी वसूलेंगे. अगर ऐसा संभव हुआ तो पेट्रोल और डीजल पर GST और राज्यों के वैट का कॉम्बिनेशन टैक्स लग सकता है. लेकिन, बावजूद इसके देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 11 रुपए तक सस्ता हो जाएगा. कैसे 11 रुपए सस्ता होगा पेट्रोल, इसकी कैलकुलेशन समझने के लिए नीचे तक पढ़िए.

मौजूद टैक्स के बराबर होंगे टैक्स
सरकारी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, GST रिजिम में दोनों ऑटो फ्यूल पर टैक्स लगाने की तैयारी हो रही है. GST के दायरे में आने पर अधिकतम दर 28 फीसदी टैक्स लगेगा. अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो दोनों फ्यूल पर सबसे ज्यादा 28 फीसदी जीएसटी रेट और राज्यों के लोकल सेल्स टैक्स या वैट लग सकता है. सबसे ज्यादा जीएसटी रेट (28%) के साथ ही वैट मौजूदा टैक्स के बराबर ही होगा. इसमें केंद्र की एक्साइस ड्यूटी और राज्यों का वैट शामिल होगा.

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इनपुट टैक्स क्रेडिट पर लेना होगा फैसला
अधिकारी के मुताबिक, अगर दोनों फ्यूल को GST के दायरे में लाया जाता है तो केंद्र को 20000 करोड़ रुपए के इनपुट टैक्स क्रेडिट को छोड़ना होगा. यह क्रेडिट 1 जुलाई 2017 से लागू हुए गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) से पेट्रोल, डीजल, नैचुरल गैस, जेट फ्यूल और क्रूड ऑयल को बाहर रखने के बाद बने इनपुट टैक्स क्रेडिट को छोड़ने के लिए तैयार है.

पेट्रोल-डीजल पर कहीं नहीं है प्योर GST
GST को लागू कराने के मामले से जुड़े एक अधिकारी के मुताबिक, पेट्रोल-डीजल पर दुनिया में कहीं भी प्योर GST नहीं है. इसलिए भारत में भी यह GST और VAT का कॉम्बिनेशन होगा. उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी में शामिल करने की टाइमिंग राजनीतिक तौर पर अहम होगी. इसका फैसला केंद्र और राज्यों दोनों को मिलकर लेना होगा..

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