देश
सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए वोट बटोरने का प्रयास कर रही मोदी सरकार : कांग्रेस
नई दिल्ली : पाक के कब्जे वाले कश्मीर में भारतीय सेना की ओर से लगभग 636 दिन पहले सितम्बर 2016 में की गई सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो सामने आने पर कांग्रेस ने भाजपा व मोदी सरकार पर जम कर हमला बोला है. कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार व भाजपा, सेना के साहस , शौर्य व बलिदान का प्रयोग राजनीति व वोट बटोरने के लिए कर रही है. कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया कि भारतीय सेना ने पहले भी सर्जिकल स्ट्राइक की है पर कभी सरकार व राजनीतिक पार्टियों की ओर से इसका श्रेय नहीं लिया गया.
सुरजेवाला ने कहा पहले भी हुए हैं सर्जिकल स्ट्राइक
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह की सरकार में पहले भी सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक और कई ऐसे ऑपरेशन किए हैं. लेकिन कभी इसका राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश नहीं की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार जय जवान जय किसान नारे का सियासी शोषण कर रही है और सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए वोट जुटाने की कोशिश में है. सुरजेवाला ने कहा, जब भी मोदी सरकार नाकाम होती दिखती है, तो सेना को ढाल बना कर वोट बटोरनेे की कोशिश करती है. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक कार्यक्रम में खुले तौर पर कहा था कि वो सर्जिकल स्ट्राइक का राजनीतिक लाभ लेंगे.
कांग्रेस का आरोप असफल रही मोदी सरकार
कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया कि पाकिस्तान व आतंकवादियों के खिलाफ सख्त नीति बनाने में मोदी सरकार पूरी तरह से असफल रही है. उन्होंने कहा सितम्बर 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से सीमा पर लगभग 146 सैनिक शहीद हुए हैं. वहीं पाकिस्तान ने लगभग 1600 बार पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा का उल्लंघन किया है. तब से अब तक लगभग 89 बार आतंकी हमले हुए हैं. कांग्रेस प्रवेक्ता ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक का विडियो जारी कर सेना वे सीमा के आसपास रहने वाले आम लोगों की सुरक्षा से खिलवाड़ किया है.
सेना के साथ भेदभाव का लगाया आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता ने इस मौके पर कहा कि केंद्र सरकार सेना ने साथ सौतेला व्यवहार किया है. मोदी सरकार ने सेना के बजट में कटौती की है. अहम सैन्य आप्रेशन व सर्जिकल स्ट्राइक के बावजूद उन्हें आधुनिक सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं. सेना के बजट में कटौती से ऑडिनेंस फैक्ट्रियों से होने वाली खरीद 94 फीसदी से घट कर 50 फीसदी ही रह गई है. ऐसे में सेना के जवानों को न तो मूलभूत सुविधाओं के लिए पैसे खर्च करने पड़ेंगे.