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अविश्वास प्रस्ताव से सरकार को कोई खतरा नहीं, अकेले दम पर बीजेपी के पास है बहुमत

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मानसून सत्र की शुरुआत के साथ ही पहले दिन का आग़ाज़ हंगामेदार रहा है और विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया जिसे लोकसभा स्पीकर ने मंजूर कर लिया. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि वो चर्चा के लिए तैयार हैं.

लिंचिंग और दूसरे मुद्दों पर हंगामे के बीच टीडीपी ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया. कांग्रेस और दूसरी विपक्षी पार्टियों ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया. स्पीकर सुमित्रा महाजन ने विपक्ष के इस प्रस्ताव को मंजूर किया तो सरकार की तरफ से इस चुनौती को स्वीकार करने में देरी नहीं की गई. संसदीय कार्य मंत्री ने दो टूक कहा कि वो बहस के लिए राजी हैं.

बीते चार साल में मोदी सरकार के खिलाफ ये पहला अविश्वास प्रस्ताव है जिसे स्पीकर ने स्वीकर किया है. हालांकि, विश्लेषकों के मुताबिक मोदी सरकार के पास पर्याप्त नंबर है और सरकार को किसी तरह का कोई खतरा नहीं है.

इस वक़्त लोकसभा में संख्या बीजेपी के पास है. इसीलिए विश्लेषकों का मानना है कि ये अविश्वास प्रस्ताव सरकार को गिराने के मकसद से नहीं, बल्कि सियासी मुद्दे उछालने के लिए से पेश किया गया है.