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केरल: ISIS में शामिल होने वाले युवाओं की संपत्ति होगी जब्त

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नई दिल्ली (एएनआइ)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के स्पेशल कोर्ट ने केरल से आइएसआइएस में शामिल होने वाले युवाओं की संपत्ति को जब्त करने के लिए राजस्व अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। एनआइए ने त्रिकारीपुर गांव अधिकारी को भी नोटिस जारी किया और आरोपी की संपत्ति का अनु

क्या है मामला
केरल में प्रतिबंधित इस्लामी छात्र संगठन सिमी के गुप्त शिविर का आयोजन करने वाले 35 लोगों में से 18 को बाद में कई आतंकी हमलों में शामिल पाया गया था, जिन्हें बाद में एनआइए अदालत ने आइएसआइएस में शामिल होने का दोषी ठहराया गया। इस मामले में 38 आरोपी थे, लेकिन मुख्य आरोपी वासीक बिल्ला समेत दो फरार हैं जबकि 2016 में भोपाल सेंट्रल जेल से बचने की कोशिश करते हुए एक अन्य आरोपी महबूब मलिक को गोली मार दी गई थी।

कोच्चि में एनअाइए की अदालत ने दिल्ली, अहमदाबाद, भोपाल और बेंगलुरु में विभिन्न जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के बाद 18 लोगों को दोषी ठहराते हुए 17 अन्य लोगों को बरी कर दिया था। सिमी और आइएसआइएस का एक गुप्त शिविर 2007 से केरल के इडुक्की जिले में थांगलपारा में चलाया जा रहा था। कई आतंकी मामलों में यह संगठन जिम्मेदार था और बताया जाता है कि इंडियन मुजाहिदीन जैसे संगठन का जन्म इसी शिविर में हुआ।

मान लगाने का निर्देश दिया है। साथ ही एनआईए अदालत ने आरोपियों को 13 जुलाई तक अदालत में उपस्थित होने को आदेश दिया है।केरल में आतंकी संगठन सिमी का जाल
इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक सदस्य अब्दुल सुबान कुरेशी उर्फ ताकर को सबसे खूंखार आतंकी माना जाता है। अब्दुल सुबान को इंडियन बिन लादेन कहा जाता है। अभियोजन पक्ष ने कहा कि शिविर में भाग लेने वाले सभी लोगों को हथियारों, चट्टान की चढ़ाई, बमों के निर्माण और अन्य आतंकी गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण दिया गया था। इन सब पर देश के खिलाफ युद्ध, आपराधिक षड्यंत्र, हथियार अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के अन्य प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था।

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