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विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिरा, सरकार को मिले 325 वोट
मोदी सरकार के खिलाफ पहला अविश्वास प्रस्ताव लोकसभा में गिर गया है. सरकार को 325 वोट मिले, वहीं विपक्ष के खाते में सिर्फ 126 वोट आए. सदन में वोटिंग के दौरान 451 सांसद मौजूद थे. बीजेडी और शिवसेना के सांसद सदन से गैरहाजिर रहे. अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्ष की हालत एकदम खराब दिखी. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था.
वोटिंग में 451 सदस्यों ने लिया हिस्सा
अविश्वास प्रस्ताव पर कल लगभग 12 घंटे की चर्चा के बाद हुए मत-विभाजन में 451 सदस्यों ने हिस्सा लिया था, जिसमें अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 126 वोट पड़े. जबकि विरोध में 325 मत पड़े. तेलुगूदेशम पार्टी ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर राजग सरकार से अलग होने के बाद उसके खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था.
18 सांसदों वाली शिवसेना ने कल वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था, इससे 313 सांसदों वाले एनडीए का संख्याबल घटकर 295 रह गया था. वोटिंग के बाद सरकार के समर्थन में 325 वोट पड़े. बीजेडी ने भी कल संसद से वॉक आउट कर दिया था.
अविश्वास प्रस्ताव के दौरान विपक्ष की हालत-
यूपीए के 64 सांसद
टीएमसी के 34
टीडीपी के 16
लेफ्ट के 11
समाजवादी पार्टी के 7
AAP के 4
AIUDF के 3
JDS का 1
AIMIM का 1
आरजेडी का 1
नेशनल कॉन्फ्रेंस का 1
और पीडीपी का 1 सांसद
कुल मिलाकर हुए 144 वोट हुए, लेकिन सरकार के खिलाफ सिर्फ 126 वोट पड़े. इसका मतलब है कि कई सांसद सदन में मौजूद नहीं थे. मतलब साफ है कि अविश्वास प्रस्ताव को विपक्ष के ही कई दलों ने गंभीरता से नहीं लिया.
अविश्वास प्रस्ताव पर जीत के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि एनडीए को लोकसभा और भारत के 125 करोड़ लोगों का विश्वास हासिल है. मैं उन सभी दलों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने हमें समर्थन दिया.