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HC के आदेश के बाद भी करीब 500 भिखारी अवैध रूप से बंद

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दिल्ली में भीख मांगना अब जुर्म नहीं है. लेकिन ये जानकर आप हैरान हो जाएंगे कि हाईकोर्ट के आदेश के महीनेभर बाद भी करीब 500 भिखारी अवैध तरीके से दिल्ली सरकार की जेल में बंद हैं. 8 अगस्त को दिल्ली हाईकोर्ट ने भिखारियों को राहत देते हुए भिक्षावृत्ति को अपराध की श्रेणी से हटा दिया था . कोर्ट के इस आदेश भी दिल्ली सरकार की ताहिरपुर स्थित भिखारियों की जेल में करीब 478 सजायाफ्ता कैदी अवैध रूप से बंद हैं.

आधे से ज्यादा कैदी लेप्रोसी और टीबी की भयंकर बीमारियों से ग्रसित हैं. कुछ की सज़ा 6 महीने में पूरी हो रही है तो कुछ की 8 महीने में. लिहाज़ा सजा पूरी होते ही उन्हें छोड़ा जाएगा लेकिन, वो कहां जाएंगे, क्या करेंगे अभी तक पॉलिसी के स्तर पर सरकार ने कोई कोई प्लान नहीं बनाया.

भयंकर बीमारियों की वजह से समाज ने उन्हें नहीं अपनाया. अब बेगर एक्ट खत्म होने के बाद कानूनन उन्हें एक दिन भी जेल में नहीं रखा जा सकता. लेकिन बेगर एक्ट खत्म होने के बाद भी किस कानून के तहत उन्हें जेल में रखा गया है इसका दिल्ली सरकार के पास कोई जवाब नहीं है. कानून कहता है कि सजा पूरी होने पर उन्हें छोड़ना ही होगा. समाज क्ल्याण मंत्री राजेंद्र पाल गौतम की दलील है कि भिखारी गृह को छोड़कर जाने को तैयार नहीं हैं. ये हाईकोर्ट के आदेश के पहले से यहां रखे गए हैं.

उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट का दिल्ली में भीख मांगने वाले एक्ट को खत्म करना सिर्फ मजबूरी में भीख मांगने वाले लोगों को बचाने के लिए है, जबकि गैंग आज भी हाथ-पैर काटकर भीख मांगने पर मजबूर कर रहे हैं और इसके लिए कानून में सज़ा का प्रावधान भी है. लेकिन एक कैबिनेट बिल लाने पर विचार हो रहा है जिससे उनको लाभ मिलेगा जो मजबूरी में भीख मांग रहे हैं. सरकार उनके लिए स्किल डेवलेपमेंट ट्रेनिंग देने पर विचार कर रही है. साथ ही ऐसे लोगों को 250 रुपये प्रतिदिन देने पर विचार किया जा रहा है.