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पत्रकारों को धमकाने वाली ‘सनातन संस्था’ पर एक्शन में देरी क्यों: अजीत पवार

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महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और राज्य विधानपरिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने इंडिया टुडे के पत्रकारों को धमकाए जाने पर सनातन संस्था के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

पवार और मुंडे दोनों ने अपने-अपने ट्विटर हैंडल पर सवाल किया है कि सनातन संस्था को बैन करने के लिए महाराष्ट्र सरकार किस बात का इंतजार कर रही है?

इंडिया टुडे की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम ने हाल में अपनी तहकीकात #SanatanTerrorSanstha के जरिए इस संगठन की हकीकत को बेनकाब किया था. संगठन से जुड़े दो साधकों को निचली अदालत ने सबूतों के अभाव में 2011 में बरी कर दिया था.

महाराष्ट्र के थिएटरों के बाहर 2008 में बम धमाकों में कथित भूमिका को लेकर मंगेश दिनकर निकम और हरीभाई कृष्णा दिवेकर समेत चार आरोपियों को बरी कर दिया गया था. इसी केस में रमेश गडकरी और विक्रम भावे को दोषी ठहराया गया था.

इंडिया टुडे के अंडर कवर रिपोर्टर्स के सामने निकम और दिवेकर, दोनों ने कैमरे पर कबूल किया था कि किस तरह उन्होंने विस्फोटक प्लांट करने और उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन इंडिया टुडे टीवी पर सनातन संस्था से जुड़े टेप टेलीकास्ट होते ही संगठन ने इंडिया टुडे के पत्रकारों की फोटो अपनी वेबसाइट पर ‘आतंकवादी’ बताते हुए अपलोड कर दी.

एनसीपी नेता अजीत पवार ने इस मामले में महाराष्ट्र सरकार के हाथ पर हाथ धरे बैठे रहने को लेकर ट्विटर पर सवाल करते हुए लिखा- ‘पत्रकारों को खुलेआम धमकाया जा रहा है. राज्य में क्या हो रहा है? हमारे कार्यकाल में सनातन संस्था को बैन करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. सरकार अब किस का इंतजार कर रही है. सनातन संस्था को आप कब बैन करेंगे.’

महाराष्ट्र विधानपरिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने भी इंडिया टुडे स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम को धमकियों का हवाला देते हुए सनातन संस्था पर बैन लगाने की मांग की है. मुंडे ने सवाल किया, ‘जिन पत्रकारों ने सनातन संस्था को बेनकाब किया है उन्हें ही धमकाया जा रहा. महाराष्ट्र के लोग चुनावों में बीजेपी सरकार से निपटेंगे, लेकिन पत्रकारों की सुरक्षा का क्या?’