तिरंगे की ताकत: भारत का राष्ट्रीय ध्वज देख रूसी सैनिकों ने की छात्रों की मदद, रोमानिया तक पहुंचाया

आगरा के मारुति फॉरेस्ट राजपुर चुंगी के आदित्य सिंह जादौन भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। इनके पिता डॉ. जयवीर सिंह ने बताया कि से विनिस्ता यूनीवर्सिटी यूक्रेन से बेटा एमबीबीएस कर रहा है, उसका पहला साल है। फोन पर बेटे ने बताया कि यहां खाने-पीने की दिक्कत है, पहले भारतीय दूतावास से संपर्क नहीं हो रहा था। संपर्क होने के बाद तीन बसों में करीब 150 छात्रों को लेकर रोमानिया के लिए निकले हैं। बेटे ने बताया कि तिरंगा देखकर रूसी सैनिकों ने भी मदद की और रोमानिया तक पहुंचाया है। रोमानिया पहुंचने के बाद राहत मिली है, बस बेटा आ जाए। यही बड़ी खुशी है।
तिरंगा रखना साथ, दूतावास से आदेश मिला है
शास्त्रीपुरम निवासी संतोष सिंह ने बताया कि यूक्रेन में बेटी श्रेया एमबीबीएस कर रही है। शनिवार की दोपहर करीब ढाई बजे फोन पर बात हुई थी, तब उसने बताया था कि भारतीय दूतावास से फोन आया है और कहा कि आप तिरंगा साथ रखना और छोटे बैग में पासपोर्ट समेत बेहद जरूरी सामान ही रखें। इस पर उसने बैग पर तिरंगा लगा लिया है। तीन बसों में भारतीय छात्र रवाना हुए हैं। पौलेंड के बॉर्डर सील होने के कारण रोमानिया से होते हुए बस आने को कहा है, वहां से एयरलिफ्ट किए जाएंगे। बेटी ने बताया कि यहां हालात खराब होते जा रहे हैं, खाने-पीने के सामान के लिए अराजक स्थिति बन गई है। इसके बाद फोन पर संपर्क नहीं हो पाया है।