पंजाब में कितना चला मोदी फैक्टर?: पीएम ने तीन दौरे किए, एक बार बीच रास्ते से लौटना पड़ा, ऐसी जगहों पर क्या हैं नतीजे?

पंजाब में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों का एलान हो रहा है। इस बार यहां आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, अकाली गठबंधन और भाजपा के बीच चौतरफा मुकाबला था। हालांकि, अब तक आप शानदार प्रदर्शन करती दिखाई दे रही है। किसान आंदोलन की वजह से शिरोमणि अकाली दल का साथ छूटने के बाद से भाजपा ने पंजाब में नए रास्ते तलाशने शुरू किए। इसके बाद कांग्रेस और पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के विवाद से राज्य की राजनीति में नया मोड़ आया।
अमरिंदर ने कांग्रेस से अलग होकर पंजाब लोक कांग्रेस बनाई। तीनों कृषि कानून वापस होने के बाद भाजपा ने कैप्टन के साथ मिलकर नई पारी शुरू की और बड़े भाई की भूमिका में उभरी। यहां भाजपा ने 65, पीएलसी ने 37 और सुखदेव सिंह ढींढसा की शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा।
पीएम मोदी ने इस मौके को भुनाने के लिए मुख्य रूप से राज्य में तीन फिजिकल रैलियां कीं। एक रैली सुरक्षा कारणों से रद्द भी करनी पड़ी। यह वही रैली थी, जब पीएम मोदी का काफिल बीच सड़क पर फंसा रहा था। पीएम ने वर्चुअल जरिए से भी चुनाव प्रचार किया और जनता को भाजपा व उसके गठबंधन को वोट करने के लिए मनाने की कोशिश की। ऐसे में यह देखना बाकी है कि पीएम की रैली वाली सीटों पर क्या प्रभाव रहा…
जालंधर की नौ सीटों पर भाजपा पीछे
पीएम मोदी ने 14 फरवरी को जालंधर में भाजपा के लिए चुनाव प्रचार किया था। जालंधर जिले के तहत कुल नौ विधानसभा सीट आती हैं। इनमें फिल्लौर, नकोदर, शाहकोट, करतारपुर, जालंधर पश्चिम, जालंधर मध्य, जालंधर उत्तर, जालंधर कैंट और आदमपुर शामिल हैं। यहां भाजपा ने छह, पीएलसी ने दो और संयुक्त अकाली ने एक उम्मीदवार उतारा था। इन सभी सीटों पर भाजपा पीछे चल रही है।