यूक्रेन संकट: भारतीय छात्रों के हौसले व हिम्मत की दस कहानियां, प्रेरणा के साथ देती हैं जीत का जज्बा
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रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध में फंसे भारतीय छात्रों की शुरुआत से ही जिस तरह की कहानियां सामने आईं हैं वह किसी को भी दहला देने के लिए काफी हैं। माइनस चार डिग्री से भी कम तापमान में बिना खाना-पानी, पैसे, दवाइयों व अन्य आधारभूत जरूरी चीजों के अभाव में बम और मिसाइलों की गूंजती आवाजों के बीच में अपने आपको बचाने की जंग लड़ते छात्रों की हर कहानी यूक्रेन के हालातों को बयां करती है।
सिर्फ यही नहीं अपने बलबूते हजारों किलोमीटर का सफर तय कर जिस तरह भारतीय छात्र रोमानिया और पोलैंड पहुंचे और फिर भारत सरकार उन्हें वापस लाई वह सभी कहानियां हर किसी को हिम्मत न हारने की और जज्बा कायम रखने की प्रेरणा देत हैं। वैसे तो किसी भी छात्र का संघर्ष किसी अन्य से कम नहीं है लेकिन हम आपको छात्रों के हौसले व हिम्मत की ऐसी 10 कहानियां यहां बताएंगे जो हर रूप में प्रेरणादायी हैं….
घर लौटे छात्रों की आंखों में जंग का मंजर अभी भी डरा रहा, आज कुछ और की वतन वापसी का इंतजार
यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई के लिए गए पौड़ी जिले के कोटद्वार और समीपवर्ती क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं के लौटने का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को रतनपुर कुंभीचौड़ निवासी रजत असवाल, देवीरोड डबराल कालोनी निवासी जयेश रावत और तड़ियाल चौक निवासी आयुष कुकरेती सकुशल अपने घर लौट आए हैं।
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