अप्रैल में रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंची थोक महंगाई, 15.08% हुई दर्ज
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘अप्रैल 2022 में मुद्रास्फीति की ऊंची दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, मूल धातुओं, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, खाद्य वस्तुओं, गैर-खाद्य वस्तुओं, खाद्य उत्पादों, रसायनों और रासायनिक उत्पादों आदि की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण हुई.”
ये भी पढ़ें- रुपया कमज़ोर होकर ऑल टाइम लो 77.69 पर पहुंचा, बाज़ार को RBI से उम्मीद
डब्ल्यूपीआई मुद्रास्फीति पिछले साल अप्रैल से लगातार 13वें महीने दोहरे अंक में बनी हुई है. समीक्षाधीन माह में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 8.35 प्रतिशत थी. इस दौरान सब्जियों, गेहूं, फल और आलू की कीमतों में तेज वृद्धि देखी गई थी.
ईंधन और बिजली खंड में मुद्रास्फीति 38.66 प्रतिशत थी, जबकि विनिर्मित उत्पादों और तिलहन में यह क्रमशः 10.85 प्रतिशत और 16.10 प्रतिशत थी. कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की मुद्रास्फीति अप्रैल में 69.07 प्रतिशत थी. पिछले सप्ताह जारी आंकड़ों के मुताबिक खुदरा मुद्रास्फीति अप्रैल में बढ़कर आठ साल के उच्च स्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई है.