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BBC डॉक्यूमेंट्री पर JNU के बाद जामिया में भी बवाल, 4 छात्र लिए हिरासत में, यूनिवर्सिटी ने कहा- माहौल खराब करने की कोशिश

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जेएनयू (JNU) के बाद अब जामिया यूनिवर्सिटी में भी पीएम मोदी (PM Modi) पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर बवाल हो गया है. जामिया यूनिवर्सिटी में बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर 4 छात्र हिरासत में लिए गए हैं. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने बुधवार (25 जनवरी) को कहा कि जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर कथित तौर पर आज बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर हंगामा करने के आरोप में चार छात्रों को हिरासत में लिया गया है.

जामिया यूनिवर्सिटी के चीफ प्रॉक्टर के कहने पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से पहले ये कार्रवाई की है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जामिया की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने छात्रों को बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से परहेज करने के लिए कहा था.

“माहौल खराब करने की कोशिश”

विश्वविद्यालय प्रशासन ने एक नोटिस में कहा कि बिना अनुमति के परिसर में छात्रों की बैठक या किसी भी फिल्म की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी. निहित स्वार्थ वाले लोगों/संगठनों को शांतिपूर्ण शैक्षणिक माहौल को खराब करने से रोकने के लिए विश्वविद्यालय सभी उपाय कर रहा है. ऐसा करने पर आयोजकों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

जेएनयू में भी हुआ था बवाल

बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर इससे पहले बीती शाम जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में भी हंगामा हुआ था. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों ने मंगलवार रात 9 बजे इस डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का एलान किया था. हालांकि स्क्रीनिंग से पहले छात्रसंघ के कार्यालय की बत्ती गुल हो गई थी.

छात्रों ने आरोप लगाया था कि प्रशासन ने बिजली और इंटरनेट काटा था. बाद में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और दावा किया कि जब वे अपने मोबाइल फोन पर डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे, तब उन पर हमला किया गया. कुछ ने आरोप लगाया कि हमलावर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के सदस्य थे. हालांकि एबीवीपी ने आरोपों को नकार दिया है. बताया जा रहा है कि इस दौरान पत्थरबाजी भी हुई थी.

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर विवाद

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री “इंडिया: द मोदी क्वेश्चन” को लेकर विवाद हो रहा है. ये डॉक्यूमेंट्री 2002 के गुजरात दंगों (Gujarat Riots) पर बनी है जब नरेंद्र मोदी (PM Modi) राज्य के मुख्यमंत्री थे. ये डॉक्यूमेंट्री भारत में नहीं दिखाई जा रही. हालांकि, यूट्यूब पर इसके वीडियो अपलोड किए गए हैं. सरकार ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर और यूट्यूब को इस डॉक्यूमेंट्री के लिंक ब्लॉक करने का निर्देश दिया था. भारत सरकार की ओर से इस सीरीज की निंदा की गई है.

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