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‘इंडिया आउट’ का नारा देने चले थे मुइज्जू, मुसीबत में भारत ने दिखाई दरियादिली तो मालदीव बोला- थैंक्यू

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एक ओर मालदीव आर्थिक परेशानियों से गुजर रहा है. भारत ने आपातकालीन वित्तीय सहायता देते हुए मालदीव को फिर से एक साल के लिए 50 मिलियन डॉलर के सरकारी ट्रेजरी बिलों की सदस्यता बढ़ा दी है. इस साल में यह दूसरी बार हो रहा है, जब भारत ने मालदीव को ऐसी सहायता पेश की है.

ये कदम ऐसे समय पर उठाया गया है, जब दोनों देशों के बीच संबंधों में नरमी देखी गई है. बीते साल मालदीव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने “इंडिया आउट” का अभियान चलाते हुए सत्ता संभाली थी और नई दिल्ली से तीन विमानों के संचालन के लिए देश में तैनात 85 से अधिक सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने की मांग की थी.

मालदीव सरकार के अनुरोध करने पर एक साल के लिए किया सब्सक्राइब

भारतीय उच्चायोग ने बयान में कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने मालदीव सरकार के 50 मिलियन डॉलर के ट्रेजरी बिलों को पिछली सदस्यता के पूरे होने पर एक और साल के लिए सब्सक्राइब किया है. इस साल मई के महीने में SBI ने मालदीव सरकार के अनुरोध करने पर पुरानी व्यवस्था के तहत 50 मिलियन डॉलर के ट्रेजरी बिल सब्सक्राइब किए थे. ये सब्सक्रिप्शन मालदीव सरकार के विशेष अनुरोध पर “आपातकालीन वित्तीय सहायता” के रूप में किए गए हैं.

जरूरत के समय में मालदीव की सहायता के लिए आया भारत

उच्चायोग ने कहा कि भारत ने जरूरत के समय में मालदीव की सहायता की है और ट्रेजरी बिल की मौजूदा सब्सक्रिप्शन, साथ ही इस साल की शुरुआत में मालदीव के लिए आवश्यक वस्तुओं के निर्यात के लिए विशेष कोटा को एक और साल तक बढ़ाने के भारत सरकार के फैसले से मालदीव की सरकार और लोगों को भारत के निरंतर समर्थन का पता चलता है.

इस नीति के तहत चल रहा भारत

भारतीय पक्ष ने मालदीव को एक प्रमुख समुद्री पड़ोसी (maritime neighbour) और “पड़ोसी पहले” (“Neighbourhood First”) नीति के तहत एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में भी बताया.

मालदीव के पर्यटन मंत्री ने जताया आभार

वहीं मालदीव के पर्यटन मंत्री अहमद अदीब ने एक्स पर एक पोस्ट में 50 मिलियन डॉलर के ट्रेजरी बिलों के रोलओवर के साथ “महत्वपूर्ण बजटीय सहायता” बढ़ाने के लिए भारत सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया. अदीब ने कहा कि इससे हमारे देशों के बीच गहरे संबंध मजबूत होते हैं और आर्थिक स्थिरता और विकास की दिशा में हमारा मार्ग मजबूत होता है.”

पिछली सरकार ने भी लिया था कर्ज

मालदीव वर्तमान में गंभीर आर्थिक मंदी से जूझ रहा है, इसके राजस्व और विदेशी मुद्रा भंडार कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन संघर्ष के नतीजों से प्रभावित हुए हैं. इब्राहिम सोलिह के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने इन मुद्दों से निपटने के लिए निजी ऋणदाताओं और भारत से उधार लिया था और 2023 में मालदीव का कुल कर्ज बढ़कर लगभग 8 बिलियन डॉलर हो गया.