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Chhattisgarh: अंबिकापुर में कोयला खदान के विस्तार के विरोध में बवाल, पुलिस पर पथराव

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छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में ग्रामीणों की पुलिस से तीखी झड़प के बाद माहौल गरमा गया है. अमेरा कोयला खदान के एक्सटेंशन को लेकर विवाद में ग्रामीणों की पुलिस से भिड़ंत हो गई. नाराज ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव कर दिया. साथ ही लाठी-डंडे से भी पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया. इस घटना में 40 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. वहीं पुलिस ने हालात को काबू में करने के लिए लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. इसमें कई ग्रामीण भी जख्मी हुए हैं. 

बताया जा रहा है कि अमेरा कोयला खदान में विस्तार के विरोध में उग्र गांव वालों ने हंगामा किया. लाठी डंडे गुलेल और कुल्हाड़ी से लैस ग्रामीणों ने पुलिस बल पर हमला बोल दिया. वहीं, पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए ग्रामीणों को खदेड़ा. पुलिस लाठीचार्ज में आधा दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों के घायल होने की खबर है. अभी खदान के पास हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं.

खदान के पास बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात

पुलिस अधिकारियों ने मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल को रवाना किया है. हालात को देखते हुए आंसू गैस के गोले मंगाए गए हैं. पुलिस के अधिकारियों सहित एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट मौके पर मौजूद हैं. अमेरा कोल माइंस एक्सटेंशन को लेकर पिछले कई महीनों से ग्रामीण आंदोलन कर रहे हैं. 

सरगुजा के एडिशनल कलेक्टर ने क्या कहा?

सरगुजा के अपर कलेक्टर सुनील कुमार नायक ने कहा, ”परसोड़ी कलां गांव के लोग SECL अमेरा में इकट्ठा हुए हैं और कह रहे हैं कि वे आगे कोयला माइनिंग नहीं होने देंगे. जब हमने उनसे बात की, तो पता चला कि जमीन के सर्वे का प्रोसेस 2016 में पूरा हो गया था और सर्वे के बाद कुछ गांववालों को उनका मुआवजा मिल गया है.” 

उन्होंने आगे कहा, ”जमीन के सर्वे के प्रोसेस के बावजूद कई गांववाले अभी भी मुआवजा लेने से मना कर रहे हैं और कोयला माइनिंग में रुकावट डाल रहे हैं. यहां पत्थरबाज़ी हुई, जिससे कई पुलिसवाले गंभीर रूप से घायल हो गए.”

ग्रामीण अपनी जमीन देने से अब कर रहे इनकार

साल 2016 में भूमि अधिग्रहण के तहत ग्रामीणों की जमीनों का अधिग्रहण कर मुआवजा दिया गया था लेकिन अब ग्रामीण अपनी ज़मीन देने से इनकार कर रहे हैं, जिसके चलते ये विवाद खड़ा हुआ है.