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श्रीनगर में सुंजवां जैसे हमले की कोशिश नाकाम, AK-47 से लैस आतंकियों को CRPF ने खदेड़ा
एक तरफ सेना अभी जम्मू के सुंजवां आर्मी कैंप पर हुए हमले के ऑपरेशन को अंजाम दे रही है, दूसरी तरफ श्रीनगर में आतंकियों ने एक और हमले की कोशिश की. हालांकि, आतंकियों की इस कोशिश को सीआरपीएफ ने नाकाम कर दिया.
सोमवार सुबह श्रीनगर के करन नगर में दो आतंकी जो कि एके-47 से लैस थे, आर्मी कैंप की ओर बढ़ रहे थे. लेकिन सीआरपीएफ ने देखते ही गोली चलाई जिसके बाद आतंकी भाग निकले. अब उनके लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. आतंकियों की ये नाकाम कोशिश सुबह करीब 4.30 बजे की गई थी. बता दें कि श्रीनगर में बर्फबारी दोबारा शुरू हुई है, जिसका फायदा आतंकी उठाना चाहते हैं.
आतंकियों ने यह नाकाम कोशिश श्रीनगर के SMHS अस्पताल के पास बने आर्मी कैंप पर की थी. आपको बता दें कि अभी कुछ ही दिन पहले इसी अस्पताल पर आतंकी हमला हुआ था, जहां से आतंकी अपने एक साथी को भगा कर ले गए थे. अस्पताल के पास ही सीआरपीएफ की 23वीं बटालियन का हेडक्वार्टर है.
आतंकियों की इस कोशिश पर सीआरपीएफ IG रविदीप शाही ने इंडिया टुडे से बताया कि जैसे ही हमें दो आतंकियों के बारे में पता चला, हमारी क्विक रिएक्शन टीम और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीम ने काम करना शुरू कर दिया है. उन्होंने बताया कि आतंकियों की तरफ से गोलीबारी नहीं की गई थी.
सुंजवां में हुआ था आतंकी हमला
आपको बता दें कि आतंकियों ने शनिवार सुबह जम्मू के सुंजवां आर्मी कैंप पर हमला किया था. इस हमले में 5 जवान शहीद हुए थे, उनके अलावा कई लोग घायल भी हुए थे.
आतंकियों के खिलाफ ऐसे की गई कार्रवाई
आतंकियों के खिलाफ सेना के हेलिकॉप्टरों और ड्रोनों की सहायता ली गई थी. बुलेटप्रूफ वाहनों से कैंप के पीछे के हिस्से में आवासीय क्वार्टर से लोगों को निकाला गया. अधिकारियों द्वारा बचाव अभियान पूरा होने के बाद छिपे हुए आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की गई.
आर्मी कैंप पर हमले पर डिफेंस पीआरओ ने बताया है कि 3 आतंकियों के शव बरामद किए गए हैं और इस हमले में 5 जवानों की शहादत हुई है. जबकि एक जवान के पिता की भी मौत हुई है. उन्होंने बताया कि आतंकियों के हमले में महिला और बच्चों समेत 10 लोग घायल भी हुए हैं.
रविवार को NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की टीम सुंजवां आर्मी स्टेशन पहुंची और एहतियात के तौर पर दमकल की गाड़ियां भी मंगाई गईं. गौरतलब है कि जैश के आतंकियों ने सुंजवां में सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर हमला बोला था और सेना के फैमिली क्वार्टर्स में शरण ली थी. दहशतगर्दों के खात्मे के लिए आर्मी ने इलाके की मजबूत घेराबंदी की. साथ ही सुरक्षा बलों ने इस ऑपरेशन में चार एपीसी (आर्म्ड पर्सनल कैरियर) वाहन उतारे.