Menu

व्यापार
ऑनलाइन ट्रान्जेक्शन से कट रही है आपकी जेब, वो भी बिना खबर

nobanner

इन दिनों सस्ते प्रोडक्ट इंटरनेट पर खरीदने के चक्कर में लोगों का नुकसान हो रहा है. इंटरनेट से ट्रांजेक्शन करने के बाद बैंक स्टेटमेंट देखते वक्त आपको ये नुकसान महसूस होता है. दरअसल इंटरनेट हैंडलिंग चार्जेस के नाम पर लोगों से पैसे वसूले जा रहे हैं.

मितेश प्रजापति के साथ ऐसा ही कुछ हुआ. मितेश ने पेटीएम मे पैसे ट्रान्सफर किए और एक महीने बाद बैंक ने उनके अकाउंट से इंटरनेट हैन्डलिंग चार्जेस के नाम पर पैसे कुछ फीसदी पैसे ले लिए. मितेश जब बैंक मे इसकी शिकायत करने पहुंचे तो उन्हे दो-टूक शब्दों मे बता दिया गया कि यह चार्जेस तो लगेंगे ही.

इस तरह से बिना बताए पैसे लूटने के खिलाफ कई लोग लामबंद हो रहे है. जैसे वर्षा राउत. वर्षा मुंबई ग्राहक पंचायत की पदाधिकारी हैं उन्होंने फिल्म टिकट खरीदने के लिए इंटरनेट से ट्रांजेक्शन किया लेकिन बतौर सर्विस चार्ज उनसे बीना पुछे 95 रुपए ले लिए गए. यह तमाम पैसे उनको ट्रांजेक्शन करते वख्त नहीं बताए गए. जब ईमेल पर बिल आया तब पता चला की यह पैसे उनसे ले लिए गए है. वास्तव मे कानून मे इस तरह कै पैसे वसूलने का कोई प्रावधान ही नहीं है. इतना ही नहीं पैसे लेने से पहले लोगो को बताना जरुरी है कि कितना पैसा और क्यों लिया जा रहा है.

ऑनलाइन ट्रांजेक्शन या कैशलेस ट्रांजेक्शन जिसमें कार्ड या इंटरनेट बैंकिंग के जरिए भुगतान किया जाता है उसमें ग्राहकों को अक्सर सर्विस चार्ज या इंटरनेट हैंडलिंग चार्ज के नाम से अलग से पैसे लिए जाते हैं. सरकार की ओर से घोषणा की गई है कि ऑनलाईन चार्जेज ना लिए जाएं. साथ ही इंटरनेट ट्रांजेक्शन बढाने के लिए दबाव भी बनाया जा रहा है. ऐसे में कैशलेस भुगतान ऑफलाइन यानि कैश वाले भुगतान से महंगा भी पड़ता है.