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जानिए विजय माल्या का ‘किंग ऑफ गुड टाइम्स’ से ‘भगोड़ा’ बनने तक का सफर !

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देश के बैंकों का 9000 करोड़ रुपये लेकर विदेश भाग चुका विजय माल्या आखिरकार कानून के फंदे में फंस गया है. भारत सरकार के कहने पर लंदन में विजय माल्या को स्कॉटलैंड यार्ड ने गिरफ्तार कर लिया है. विजय माल्या पर एसबीआई समेत 17 बैंकों का 9000 करोड़ रुपये बकाया है. माल्या किंगफिशर एयरलाइंस के लिए गए कर्ज को बिना चुकाए पिछले साल मार्च में देश से बाहर चला गया था. पिछले 2 साल से लंदन में रह रहे माल्या को लंदन की वेस्टमिनिस्टर कोर्ट के आदेश के बाद गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि इसके बाद उसे अदालत में पेश किया जाएगा.

गौरतलब है कि माल्या अपने राजनयिक पासपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए दो मार्च 2016 को भारत छोड़कर चला गया था. पिछले साल सीबीआई की ओर से दर्ज की गई एक एफआईआर के आधार पर ईडी ने माल्या एवं अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिग का मामला दर्ज किया है. माल्या के खिलाफ कई बैंकों का लगभग 9000 करोड़ रुपये लोन चुका पाने के मामले में जांच चल रही है.

जानिए कब-कब क्या-क्या हुआ

9 फरवरी को भारत सरकार ने ब्रिटेन के हाई कमिश्नर को विजय माल्या के प्रत्यर्पण की अपील की थी जिस पर कार्रवाई के तौर पर ये गिरफ्तारी संभव मानी जा रही है. उल्लेखनीय है सेबी ने हाल ही में माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस तथा नौ अन्य को 2015 के लोन डिफॉल्ट मामले से जुटे आरोप पत्र में नामित किया है.25 जनवरी 2017 को मार्केट रेगुलेटर सेबी ने विजय माल्या और 6 अन्य को शेयर बाजार से प्रतिबंधित कर दिया था. सेबी ने अपने आदेश में माल्या और 6 अन्य व्यक्तियों पर डायरेक्ट-इनडायरेक्ट रूप में शेयर बाजार में किसी तरह का लेनदेन पर रोक लगा दी. माल्या और यूनाइटेड स्पिरिट्स के पूर्व अधिकारी अशोक कपूर को किसी लिस्टेड कंपनी में डायरेक्टर पद लेने से भी रोका गया था.4 नवंबर 2016 को शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ दिल्ली की अलग-अलग अदालतों ने शुक्रवार को विदेशी मुद्रा विनियमन कानून-फॉरेन एक्सचेंज रेग्युलेशन एक्ट (फेरा) के उल्लंघन के एक मामले में और साल 2012 के एक चेक बाउंस के मामले में 2 गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किए.माल्या ने 9 सितंबर 2016 को अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट देने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि वह एक विदेशी मुद्रा विनियमन कानून के उल्लंघन मामले में सुनवाई के लिए देश लौटने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि भारतीय अधिकारियों ने उनका पासपोर्ट निलंबित कर दिया है. अदालत ने 9 जुलाई को माल्या से 9 सितंबर को अदालत में खुद मौजूद होने को कहा था.
कौन है विजय माल्या?
विजय माल्या का जन्म 18 दिसम्बर, 1955 को हुआ था और वे यूबी समूह और किंगफिशर एयरलाइंस के अध्यक्ष व उद्योगपति विट्ठल माल्या के बेटे हैं. विजय माल्या ने साल 2000 में भारतीय राजनीति में प्रवेश किया. माल्या राज्य सभा से सांसद भी हैं. विजय माल्‍या पहली बार 2002 में कर्नाटक विधानसभा से निर्दलीय उम्‍मीदवार के रूप में विधानसभा सदस्‍य चुन लिए गए और रक्षा मंत्रालय का कार्यभार देखा. वो अगस्‍त 2004 में उद्योग समिति के सदस्‍य बन गए. इसके बाद उन्होंने लगातार राज्‍य के कई मंत्रालयों का भी कार्यभार संभाला.

2005 में किंगफिशर एयरलाइंस को शुरू किया
2005 में माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस की स्थापना की, शुरू के 3-4 साल सबकुछ ठीकठाक चला, लेकिन 2009 में एयरलाइंस को 418.77 करोड़ का घाटा हुआ जिसके बाद 100 पायलट को निकाला गया. आर्थिक कुप्रबंधन के कारण कंपनी कई सालों तक जबर्दस्त घाटे में रही और फिर दिवालिया हो गयी. जिसके बाद हालात खराब होते-होते 2014 आते-आते किंगफिशर को बंद कर दिया गया.

विजय माल्या को किंगफिशर एयरलाइंस में हुए घाटे को चुकाने के लिए उन्हें अपनी सबसे बड़ी कंपनी युनाइटेड स्पिरिट्स गंवानी पड़ी. साल 2012 में UB ग्रुप को ‘यूनाइटेड स्पिरिट्स’ का प्रबंध नियंत्रण ब्रिटेन की दिग्गज शराब कंपनी ‘डियाजिओ’ को देना पड़ा. विदेशी कंपनी डीयाजियो ने 2013 में माल्या की कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी खरीद ली थी. लेकिन सरकारी बैंकों की 9000 करोड़ रुपये की देनदारी होने के बाद उन्होंने डियाजियो से 510 करोड़ रुपए लेकर कंपनी के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया. माल्या ने मार्च, 2016 में यूएसएल के निदेशक व चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया था.

कैसे बने थे ‘किंग ऑफ गुड टाइम्स’
साल 1973 में अपने पिता की अकस्मात् मृत्यु के बाद विजय मात्र 28 साल के उम्र में UB ग्रुप के अध्यक्ष बने. तब से लेकर अब तक UB ग्रुप एक बहुराष्ट्रीय समूह की तरह उभरा है जिसके अंतर्गत लगभग 60 कंपनियां हैं. 1973 से लेकर 1999 तक ग्रुप का टर्नओवर लगभग 64 फीसदी बढ़ा था.विजय माल्या दुनिया की सबसे बड़ी शराब बनाने वाली कंपनी युनाइटेड स्पिरिट्स के चेयरमैन थे. ये कंपनी अंतर्राष्‍ट्रीय बियर बाजार में भारत की लीडर थी. युनाइटेड ब्रुअरीज की प्रमुख युनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड ने 114 मिलियन केसेज बेचने का ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाया था, जिसके बाद यह दुनिया की पहली स्प्रिट्स कंपनी बनी थी. इस दौरान साल 2007 में विजय माल्या ने सिल्वरस्टोन की ग्रांड प्रिक्स टीम को 88 मिलियन पौंड में खरीदा था. साल 2008 में लगभग 72 अरब रुपये के संपत्ति के साथ यह विश्व के 962वें सबसे धनी लोगों में शामिल हुए थे. इसी समय इनका भारत में सबसे धनी लोगों में 42वां स्थान था और इन्हें किंग ऑफ गुड टाइम्स भी कहा जाना लगा.

विजय माल्या को भारत के साथ विदेश में भी कई पुरस्कार मिले थे.

1997 में साउथ कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी ने बिज़नस एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ़ फिलोसोफी के लिये उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि दी.माल्या को फ्रांस का सबसे प्रसिद्ध अवार्ड ‘Officer De La Legion D’Honneur’ भी मिला है.वर्ल्ड इकनोमिक फोरम ने उन्हें ‘कल का वैश्विक नेता’ बताया था.साल 2010 के द एशियाई अवार्ड्स में उन्हें ‘best businessman of the year’ का सम्मान दिया गया.

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