देश
मोदी का हमला,’सरदार के नाम को मिटाने या छोटा करने का प्रयास हुआ’
आज देश के पहले गृहमंत्री और लौहपुरुष सरदार पटेल की 142वीं जयंती है. इस मौके पर देशभर में रन फॉर यूनिटी दौड़ का आयोजन किया जा रहा है. दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी ने एकता दौड़ को हरी झंडी दिखाई. प्रधानमंत्री ने लोगों को एकता की शपथ भी दिलाई. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार साहब के कद को छोटा करने की कोशिश हुई लेकिन देश उन्हें भूलने को तैयार नहीं है. सत्ता में आने के बाद नरेंद्र मोदी ने ही पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी.
प्रधानमंत्री मोदी ने झंडी दिखाकर रन फॉर यूनिटी एकता दौड की शुरुआत की. इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ गृहमंत्री राजनाथ सिंह, कर्नल राज्य वर्धन सिंह राठौर, क्रिकेटर सुरेश रैना, हॉकी प्लेयर सरदार सिंह, जिम्नास्ट गीता कर्माकर भी मौजूद रहीं.
प्रधानमंत्री ने सभी को एकता की शपथ भी दिलाई. ”मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूं कि मैं राष्ट्र की एकता अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करूंगा और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने के लिए भरसक प्रयत्न करूंगा. मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूं , सरदार बल्लभाई पटेल की भावना से ले रहा हूं. मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी सत्यनिष्ठा से कार्य करूंगा.”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”साल 2022 में हम आजादी के 75 साल पूरे करेंगे. इस मौके पर हर देशवासी को देश की गरिमा को ऊपर करने वाला एक संकल्प करना चाहिए. आज सरदार पटेल की जयंती पर 2022 के लिए हमें एक संकल्प करना चाहिए.”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”सरदार साहब ने हमें जो देश दिया है उसकी एकता और अखंडता सवा सौ करोड़ भारतीयों की जिम्मेदारी है. सरदार पटेल ने कैसे देश को एक किया ये हमारी पीढ़ियों को पता होना चाहिए. आठ साल बाद सरदार साहब की 150वीं जयंती मनाएंगे. हमें विचार करना चाहिए कि हम उस दिन एकता की कौन सी मिसाल पेश करेंगे.”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”हर भारतवासी इस पर नाज कर सकता है कि विश्व के सभी संप्रदाय भारत में एक साथ रहते हैं. आज दुनिया में कई संप्रदाय के लोग एक दूसरे को देखने को तैयार नहीं हैं ऐसे में भारत में लोग एक साथ रह रहे हैं.”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”भारत के पहले राष्ट्रपति ने कहा था कि हमें भारत नाम का देश मिला है उसके लिए सरदार साहब का योगदान महत्वपूर्ण है. उन्होंने यह भी कहा था कि हम सरदार पटेल को भूलते जा रहे हैं. आज राजेंद्र बाबू की आत्मा जहां कहीं होगी प्रसन्न होगी.”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”सरदार पटेल के नाम को नई पीढ़ी को सही से बताया ही नहीं गया. इतिहास में या तो उनके नाम को मिटाने का प्रयास हुआ या फिर उनके नाम को छोटा करने का प्रयास किया. लेकिन सरदार साहब का नाम देश भूलने को तैयार नहीं है. देश की युवा पीढ़ी भी सरदार पटेल के नाम को याद करती है. सरदार पटेल के कार्य का पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ें इसलिए रन फॉर यूनिटी का आयोजन कर रहे हैं. मुझे खुशी है कि युवा बढ़ चढ़ कर इसमें हिस्सा ले रहे हैं.”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”सरदार पटेल ने ना सिर्फ संकट से बचाया बल्कि देश को छोटी छोटी रियासतों में बंटने के खतरे से भी बचाया. सरदार पटेल ने साम, दाम, दंड, भेद का प्रयोग कर बहुत कम समय में देश को एकता के सूत्र में बांध दिया. ”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत में सरदार साहब अमर रहें के नारे लगवाए.
नेशनल स्टेडियम में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद हमने सरदार पटेल की जयंती को एक पर्व की तरह मनाना शुरू कर दिया.”
प्रधानमंत्री मोदी नेशनल स्टेडियम पहुंचे.
प्रधानमंत्री मोदी पटेल चौक से राष्ट्रीय स्टेडियम के लिए निकले.
रन फॉर यूनिटी दौड़ में हिस्सा लेने के लिए क्रिकेटर सुरेश रैनी भी पहुंचे. हॉकी खिलाड़ी सरदार सिंह भी मौजूद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के पटेल चौक पहुंचे
किस रास्ते से एकता दौड़
एकता दौड़ ने नेशनल स्टेडियम से शुरू होकर सी-हैक्सागन और शाहजहां रोड़ से होते हुए इंडिया गेट तक करीब 1.5 किलोमीटर का रास्ता तय किया.
कौन कौन हुए शामिल ?
इस कार्यक्रम के आयोजकों में गृह मंत्रालय, आवास और शहरी मामले मंत्रालय, खेल विभाग, युवा मामले विभाग, रेल मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय और जीएनसीटीडी एवं सीपीडब्युटीडी, एनडीएमसी, डीडीए, एसएआई, सीएपीएफ एवं दिल्ली पुलिस सहित कई संगठन शामिल हैं.
क्यों मनाया जाता है एकता दिवस?
सरकार 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाकर हमारे देश की मजबूत एकता, अखंडता और सुरक्षा को संरक्षित करने में सरकार के समर्पण को व्यक्त करने के लिए इसे विशेष दिवस के रूप में मनाती है.
इस साल क्यों अहम है एकता दौड़?
इस बार गुजरात के चुनाव प्रचार के बीच पटेल जयंती के कार्यक्रम के अपने सियासी मायने भी हैं. पटेल समुदाय पर जारी पॉलिटिक्स में बीजेपी एक बार फिर कांग्रेस को मात देने की कोशिश में है. ऐसे में पटेल जयंती पर पीएम के भाषण में इसकी झलक भी दिखलाई दे सकती है.
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