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टेक्नोलॉजी
जानें, नोटबंदी के एक साल बाद पेटीएम और भीम जैसे एप कितनी तेजी से बढ़े?

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बुधवार यानी 8 नवंबर को नोटबंदी के एक साल पूरे हो रहे हैं. सरकार ने नोटबंदी के पीछे की सबसे बड़ी वजह भारतीय अर्थव्यवस्था को लेस-कैश करना बतायी और काले-धन पर रोकथाम लगाने वाला कदम बताया. नोटबंदी के बाद सरकार का मकसद लोगों को डिजिटल पेमेंट के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रेरित करना था. नतीजतन, देश में ई-वॉलेट और कार्ड पेमेंट के इस्तेमाल में भारी इजाफा हुआ. आज भारत में कुल ट्रांजेक्सशन का 5% ट्रांजेक्शन कैशलेस होता है.

नोटबंदी के एक साल पूरे होने के मौके पर जानिए कि डिजिटल पेमेंट वॉलेट कंपनियों का इस्तेमाल कितना हुआ और ये आंकड़ा कितना आगे बढ़ा.

पेटीएमः 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे जब प्रधानमंत्री ने देश में 500-1000 रुपये की नोटों को गैरकानूनी-टेंडर करार दिया इसके बाद पेटीएम एप ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं. पेटीएम एक ई-वॉलेट कंपनी है जिसे नोटबंदी का सबसे ज्यादा फायदा मिला. एक रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के तुरंत बाद पेटीएम पर 435% ट्रैफिक बढ़ा, वहीं एप के 200% डाउनलोड बढ़ गए. कुल ट्रांजेक्शन की बात करें तो वो 250% तक बढ़ गया. आज इस एप के 50 मिलियन से ज्यादा एंड्रॉयड ओएस पर डाउनलोड हैं. आज कई छोटे व्यापारी पेटीएम के जरिए भुगतान लेते हैं.

BHIM एपः डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने यूपीआई बेस्ड एप भीम दिसंबर 2016 में लॉन्च किया. यूपीआई बेस्ड इस एप से दिसंबर 2016 में 700 करोड़ का ट्रांजेक्शन हुआ. वहीं सितंबर 2017 में ये आंकड़ा बढ़कर 5290 करोड़ हो गया. आज व्हाट्सएप और फेसबुक मैसेंजर जैसे मैसेजिंग एप भी यूपीआई बेस्ड पेमेंट सिस्टम अपने यूजर्स लको मुहैया करना को लेकर काम कर रहे हैं.

मोबिक्विकः नोटबंदी के बाद मोबिक्विक के मर्चेंट बेस में 150% का इजाफा हुआ. आज एंड्रॉयड ओएस की बात करें तो कुल मोबिक्विक के लगभग आठ लाख यूजर हैं.

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