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शिवसेना ने BJP की मुश्किल बढ़ाई, नोटबंदी पर संसद में चर्चा की मांग उठाई
नोटबंदी पर चौतरफा घिरी मोदी सरकार पर अब उसके सहयोगी दल भी सवाल उठा रहे हैं. जब-तब मोदी सरकार को घेरने वाली शिवसेना ने अब नोटबंदी पर आरबीआई की रिपोर्ट आने के बाद इस पर संसद में चर्चा कराने की मांग की है.
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि नोटबंदी पर आरबीआई की रिपोर्ट बेहद चौंकाने वाली है. नोटबंदी के दौरान कतारों में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई. यह बड़ा जुर्म है. राउत ने कहा कि शिवसेना आरबीआई की रिपोर्ट पर संसद में बहस कराने की मांग करती है.
इससे पहले कांग्रेस ने भी आरबीआई की इस रिपोर्ट के बाद नोटबंदी पर अपनी आशंका को सही ठहराते हुए मोदी सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस ने कहा कि आरबीआई की रिपोर्ट ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नोटबंदी एक भयानक आपदा थी. कांग्रेस ने सवाल किया है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर झूठ बोलने के लिए माफी मांगेंगे?
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि नोटबंदी के दौरान बंद हुए लगभग सभी पुराने नोट वापस आ चुके हैं. आरबीआई ने बुधवार को अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है. इसमें उसने कहा है कि कुल 99.30 फीसदी 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट वापस आ चुके हैं.
आरबीआई की सालाना रिपोर्ट में इन नोटों का पूरा लेखा-जोखा दिया है. RBI रिपोर्ट में बताया गया है कि स्पेसिफाइड बैंक नोट्स (SBNs) की प्रोसेसिंग का काम आरबीआई के सभी केंद्रो में पूरा हो चुका है. सर्कुलेशन से कुल 15,310.73 अरब रुपये की वैल्यू वाले पुराने नोट वापस आए हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया कि 8 नवंबर, 2016 को 15,417.93 अरब रुपये की वैल्यू के 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट सर्कुलेशन में थे. इसके बाद इनमें से जितने नोट वापस आए हैं, उनकी कुल वैल्यू 15,310.73 अरब रुपये है.
इसके अलावा भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी एनुअल रिपोर्ट में जीएसटी को भी सफल बताया है. उसने कहा है कि जीएसटी अप्रत्यक्ष कर में पारदर्शिअत बरतने में नींव का पत्थर साबित हुआ है.