Covid-19: संक्रमण से ठीक हो चुके ज्यादातर लोगों में देखी जा रही हैं ये तीन समस्याएं, विशेषज्ञों ने किया अलर्ट

कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो साल से अधिक समय से पूरी दुनिया परेशान है। कोरोना के सामने आए कई वैरिएंट्स के कारण लोगों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा। कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट हाल ही में देश में संक्रमण की तीसरी लहर का कारण बना। संक्रमण की रफ्तार भले ही कम हो गई हो लेकिन स्वास्थ्य विशेषज्ञ लोगों को अब भी कोरोना के बचाव के उपायों को प्रयोग में लाते रहने की सलाह देते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ संक्रमण काल के दौरान ही नहीं, संक्रमण कम होने के बाद भी कोविड से बचाव आवश्यक है। कई लोगों में लॉन्ग कोविड की समस्या लंबे समय तक बनी रह सकती है, जोकि कुछ मामलों में गंभीर जटिलताओं का कारण भी बन सकती है।
कोविड-19 से ठीक हो जाने के बाद भी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं के बने रहने को लॉन्ग कोविड के रूप में जाना जाता है। कमजोरी, थकान, सिरदर्द, फेफड़ों से संबंधित समस्याएं और सांस की दिक्कत लॉन्ग कोविड के प्रमुख लक्षणों में से एक हैं। आमतौर पर संक्रमण से ठीक होने के एक महीने के भीतर ही यह समस्याएं भी ठीक हो जाती है, पर कुछ लोगों में छह-महीने से एक साल तक भी इस तरह की समस्याएं बनी रह सकती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक लॉन्ग कोविड के कुछ लक्षणों को विशेष गंभीरता से लिए जाने की आवश्यकता होती है। आइए ऐसे ही कुछ लक्षणों के बारे में जानते हैं जो गंभीर समस्याओं का कारण बन सकती हैं।
अध्ययनों से पता चलता है कि कोरोना संक्रमण के बाद लोगों में हृदय रोगों की समस्याएं काफी बढ़ गई हैं। लॉन्ग कोविड के रूप में भी कुछ लोगों में हृदय रोग के लक्षण बने रह सकते हैं। साल 2021 के एक अध्ययन में पाया गया था कि संक्रमण के निदान के बाद लोगों में पहले हार्ट अटैक का जोखिम तीन से आठ गुना बढ़ जाता है। 87,000 लोगों पर किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि संक्रमण के निदान के एक महीने के भीतर रक्त के थक्के बनने और दिल का दौरा पड़ने का जोखिम अधिक हो सकता है। संक्रमण से ठीक होने के बाद सभी लोगों को हृदय की सेहत पर विशेष ध्यान देते रहने की आवश्यकता है।