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‘जातिगत जनगणना की झुंझलाहट कहीं तो निकलेगी…’, न्यूजक्लिक पर रेड को लेकर बोला विपक्ष, केंद्रीय मंत्री ने दिया जवाब

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ऑनलाइन समाचार पोर्टल न्यूजक्लिक, उसके पत्रकार अभिसार शर्मा और उर्मिलेश सहित अन्य लोगों से जुड़े 30 परिसरों पर मंगलवार (3 अक्टबूर) को दिल्ली पुुलिस की स्पेशल सेल ने छापेमारी की. इसके बाद अधिकारियों ने बताया कि फंडिंग मामले में न्यूजक्लिक के ऑफिस को सील कर दिया गया है. इस छापेमारी को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला है. वहीं सरकार ने कहा कि जांच एजेंसियां अपना काम कर रही हैं.

कांग्रेस, आप और आरजेडी सहित अन्य विपक्ष दलों ने कहा कि बिहार में हुए जातिवार सर्वेक्षण से ध्यान भटकाने के लिए ऐसा किया जा रहा है. विपक्ष के आरोपों के बीच केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ओडिशा के भुवनेश्वर में कहा, ”जांच एजेंसी अपना काम कर रही हैं. मुझे पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन अगर विभाग ने कोई कार्रवाई की है तो सबूत के आधार पर की होगी.”

दरअसल, दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत दर्ज एक मामले में ये रेड की है.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा और अनिंदो चक्रवर्ती से पूछताछ कर उन्हें छोड़ दिया है. इस दौरान तीनों ने कोई बयान नहीं दिया है.

कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस के मीडिया एवं प्रचार विभाग प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा‘‘बिहार में जाति आधारित जनगणना के चौंका देने वाले आंकड़े और देशभर में जातीय गणना की बढ़ती मांग के बीच लोगों का ध्यान भटकाने के लिए न्यूजक्लिक के पत्रकारों के परिसरों पर तड़के छापे मारे गए.

खेड़ा ने एक्स पर लिखा, ‘‘कल जब से बिहार की जाति आधारित जनगणना के चौंका देने वाले आंकड़े सामने आये हैं, पूरे देश में जाति जनगणना की मांग जोर पकड़ रही है। (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी साहिब की नींद उड़ी हुई है. जब पाठ्यक्रम के बाहर का कोई सवाल खड़ा हो जाता है तो मोदी जी के पाठ्यक्रम का एक देखा-भाला अस्त्र बाहर लाया जाता है – मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने का अस्त्र. आज सुबह से न्यूजक्लिक के पत्रकारों के खिलाफ हो रही कार्रवाई इसी पाठ्यक्रम का हिस्सा है. ’’

आरजेडी ने क्या कहा?
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की ऱाष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, ”चैनल के मालिक की कमाई के बहाने पत्रकारों पर हमला? जातिगत जनगणना की झुंझलाहट कहीं तो निकलेगी. किसी ने सच ही कहा था- तानाशाह डरपोक होता है.”

अखिलेश यादव क्या बोले?
सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘एक्स’ पर लिखा, ”छापे हारती हुई भाजपा की निशानी हैं। ये कोई नयी बात नहीं है. ईमानदार खबरनवीसों पर भाजपाई हुक्मरानों ने हमेशा डाले हैं छापे, लेकिन सरकारी प्रचार-प्रसार के नाम पर कितने करोड़ रुपए हर महीने ‘मित्र चैनलों’ को दिये जा रहे हैं, ये भी तो कोई छापे. ”

महूबबा मुफ्ती क्या बोलीं?
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महूबबा मुफ्ती ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार विदेश में प्रेस की स्वतंत्रता की हिमायत कर रही है और घरेलू स्तर पर उस पर हमला कर रही है. उन्होंने एक्स’ पर लिखा, ‘‘भारत सरकार दावा करती है कि भारत लोकतंत्र की जननी है और यह विदेशों में प्रेस की स्वतंत्रता की बात करती है, लेकिन उसी पल वह मुट्ठी भर बचे स्वतंत्र मीडिया संस्थानों पर कार्रवाई करने के लिए सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करती है.’

आप क्या बोली?
आप की मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार पत्रकारों को गिरफ्तार करके चीन से लड़ने का नाटक कर रही है क्योंकि उसके पास चीन से सीधे तौर पर बात करने की हिम्मत नहीं है.

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने क्या कहा?
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने एक्स के जरिये कहा कि वह न्यूजक्लिक से जुड़े पत्रकारों एवं लेखकों के घरों पर छापेमारी को लेकर बहुत चिंतित है. उसने कहा, ‘‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया न्यूजक्लिक से जुड़े पत्रकारों और लेखकों के घरों पर की गई छापेमारी से बेहद चिंतित है. हम घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं और एक विस्तृत बयान जारी करेंगे.

दिल्ली पुलिस ने क्या कहा?
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने दिल्ली पुलिस के सूत्रों से हवाले से बताया कि मंगलवार सुबह शुरू हुई छापेमारी की कार्रवाई यूएपीए और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 153ए (दो समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत अगस्त में दर्ज किए गए एक मामले के आधार पर की गई.

क्या आरोप है?
न्यूजक्लिक पर चीन के समर्थन में प्रचार करने के लिए धन लेने का आरोप लगाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई. यह वेबसाइट भारत में चीन समर्थक प्रचार के लिए अमेरिकी करोड़पति नेविले रॉय सिंघम से कथित तौर पर धन प्राप्त करने को लेकर हाल में सुर्खियों में आई थी.

दिल्ली हाई कोर्ट ने अगस्त में न्यूजक्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ से शहर पुलिस की उस याचिका पर उनका रुख पूछा था, जिसमें कथित रूप से गैरकानूनी विदेशी धन मिलने के मामले में उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण देने के पहले के आदेश को रद्द करने की अपील की गई थी.