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चौरीचौरा बवाल: एसडीएम हटाए गए, उपद्रवियों का फोटोयुक्त पोस्टर चस्पा

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गोरखपुर जिले के झंगहा के राघोपट्टी निवासी सैनिक धनंजय यादव के निधन पर उन्हें शहीद का दर्जा देने की लड़ाई के बहाने चौरीचौरा में हुए बवाल मामले में शुक्रवार को डीएम ने सख्त कदम उठाया। उन्होंने प्रभावी कार्रवाई न करने के आरोप में एसडीएम चौरीचौरा अनुपम मिश्रा को हटा दिया। हालांकि, जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने एसडीएम के तबादले को सामान्य स्थानांतरण बताया है। दूसरी तरफ, पुलिस ने साजिश रचने वालों का फोटोयुक्त पोस्टर शुक्रवार को चौराहों और रेलवे स्टेशन पर चस्पा किया है।

खबर है कि एक और आरोपी की पहचान पुलिस ने राजधानी गांव निवासी कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष संतोष मिश्रा के रूप में की है। अन्य आरोपियों की तलाश में दबिश जारी है। पोस्टर से उपद्रवियों की पहचान कर सूचना देने वालों को पुलिस इनाम भी देगी। दूसरी तरफ, 25 हजार रुपये के इनामी आरोपित सपा नेता मनुरोजन यादव, नरसिंह यादव और अरविंद यादव को अभी तक पुलिस पकड़ नहीं पाई। उनकी तलाश में गैर जनपदों में पुलिस की दबिश जारी है। कचहरी में भी पुलिस की निगरानी बढ़ा दी गई है। बताया जा रहा है कि आरोपितों ने कोर्ट में आत्मसमर्पण करने के लिए कुछ अधिवक्ताओं से भी संपर्क किया है।

ये थी घटना
चौरीचौरा के भोंपा बाजार में 25 मार्च को सैनिक को शहीद का दर्जा देने, मुआवजे आदि की मांग के बहाने सड़क पर आए लोगों ने रेल रोकने के साथ ही सड़क भी जाम की थी। जाम और प्रदर्शन के दौरान जब बात बनने लगी और डीएम ने उनकी ज्यादातर मांगें मान लीं, तभी अचानक पुलिस और प्रशासनिक अफसरों पर पथराव कर उपद्रवियों ने अपनी मंशा जता दी।

पता चला कि यह मांगें मनवाने नहीं बल्कि, ऐसा बवाल करने आए थे कि मुख्यमंत्री के शपथ की खुशी को इस बवाल की आंच से झुलसाया जा सके। साजिश सामने आने के बाद इस मामले में सात एफआईआर दर्ज की गई, जिसमें पांच पब्लिक के लोगों ने कराए, जबकि एक रेलवे और एक थाना प्रभारी चौरीचौरा ने कराया। 56 नामजद और 200 अज्ञात में से अब तक पुलिस 13 आरोपियों को जेल भेज चुकी है। वहीं, मुख्य आरोपी सपा नेता मनुरोजन समेत कई अब भी फरार हैं।



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