महिला दिवस: 6 मार्च को अमर उजाला पर खास वेबिनार, महिला सशक्तिकरण पर परवीन मल्होत्रा साझा करेंगी अहम जानकारियां
विस्तार
वेबिनार में ये सवाल होंगे
1- ग्लास सीलिंग शब्द से हमारा क्या मतलब है?
2-ज्यादातर मामलों में कॉरपोरेट क्षेत्र में महिलाओं को पुरुषों के लिए गंभीर खतरा नहीं माना जाता है। हालांकि, पुरुष प्रधान दुनिया में कुछ महिलाओं के शीर्ष पर पहुंचने के उदाहरण हैं। ग्लास सीलिंग एक मिथक या वास्तविकता?
3- महिलाओं को अधिक भावनात्मक और पारिवारिक माना जाता है। क्या महिलाओं को चतुर या आक्रामक न मानने की रूढ़िवादिता उनके करियर के विकास में बाधा डालती है?
4- कॉर्पोरेट दुनिया में महिलाओं को किस तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ता है?
5- आपकी राय में महिलाओं में क्या विशेषताएं हैं जो नेतृत्व गुणों का प्रदर्शन कर सकती हैं और इस तरह ग्लास सीलिंग की बाधाओं को तोड़ सकती हैं।
6- शिक्षा जैसे पारंपरिक रूप से महिला प्रधान क्षेत्रों में महिलाओं को डॉक्टरों के रूप में और लीडरशिप के पदों पर सामाजिक स्वीकृति मिती है। क्या ग्लास सीलिंग सेक्टर-केंद्रित है?
7- हाल ही में अधिक से अधिक महिलाओं के उद्यमी बनने का दौर आया है। क्या यह एक बढ़ता रुझान है क्योंकि वे इसे ग्लास सीलिंग से बचने का एकमात्र मौका देखती हैं?
8- ग्लास सीलिंग एक अलग घटना नहीं है। यह पूरी दुनिया में मौजूद है। क्या विकसित और विकासशील देशों में ग्लास सीलिंग में अंतर है? यदि हां, तो यह किस तरह का है?
9- कंपनियों की मौजूदा संरचना महिलाओं के करियर के विकास के लिए विशेष रूप से अनुकूल नहीं है। इसके अलावा, वे अक्सर अपने काम की सराहना की कमी से निराश हो जाती हैं। महिलाओं को सीलिंग से निपटने में मदद करने के लिए कंपनियों द्वारा कौन से संरचनात्मक और व्यवहारिक बदलाव लागू किए जा सकते हैं?