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यूपी: क्या RSS की प्रयोगशाला में तैयार होंगे कई और ‘योगी’, ‘बुलडोजर मॉडल’ दूसरे राज्यों में भी चलेगा

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यूपी चुनाव परिणाम बता रहे हैं कि योगी आदित्यनाथ का ‘बुलडोजर मॉडल’ सफल साबित हुआ है। चुनाव में महंगाई, बेरोजगारी, बेसहारा पशुओं की समस्या, किसानों की नाराजगी और एंटी इनकमबेंसी कारक जैसे कई मुद्दे जमीन पर महसूस किए जा रहे थे। चुनाव परिणाम के कारण यह कहना सही नहीं होगा कि इन मुद्दों का जमीन कोई असर नहीं हुआ। लेकिन चुनाव परिणाम यह अवश्य बता रहे हैं कि नाराज लोगों से ज्यादा एक बड़ी आबादी है जिसने भाजपा के ‘एजेंडे’ पर अपना भरोसा जताया। उसने तमाम परेशानियों के बाद भी भाजपा के सुशासन, राशन, सुरक्षा और हिंदुत्व के मुद्दे पर अपना विश्वास व्यक्त किया है। तो क्या यूपी के योगी आदित्यनाथ सरकार का यह ‘बुलडोजर मॉडल’ दूसरे राज्यों में भी चलेगा? क्या भाजपा के दूसरे मुख्यमंत्री भी योगी आदित्यनाथ के ‘नक्शेकदम’ पर चलेंगे?

राजनीतिक विश्लेषक सुनील पांडेय ने अमर उजाला से कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार की जीत में ‘सुशासन और सुरक्षा’ के मुद्दे का सबसे बड़ा योगदान रहा है। 2007-12 की बसपा सरकार में भ्रष्टाचार होने के आरोप लगे थे, 2012-17 की सपा सरकार में भ्रष्टाचार को एक बड़ा आयाम मिलता दिख रहा था। योगी आदित्यनाथ सरकार के कामकाज की शैली से किसी को सहमति हो या न हो, लेकिन आम जनता में यह संदेश गया है कि योगी आदित्यनाथ सरकार में कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ है। योगी आदित्यनाथ का भगवा धारण करना भी आम लोगों में यही संदेश देता रहा है कि ऐसे व्यक्ति को कोई भ्रष्टाचार स्वीकार नहीं हो सकता।

बीजेपी के एक सहयोगी दल ने ठीक चुनाव के पूर्व उसका साथ छोड़ दिया था। यह कहा जा रहा था कि उस दल के प्रमुख राजनेता, जो कि योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थे, उन्हें अपने विभागों में भ्रष्टाचार नहीं करने दिया गया। यही कारण था कि उन्होंने भाजपा का साथ छोड़ सपा का दामन थाम लिया। माना जा रहा है कि इससे भाजपा की साख (भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने के मामले में) और ज्यादा मजबूत हुई।



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